रांची में रिम्स-टू के जमीन विवाद पर बवाल, हजारों लोगों ने हल चलाया और रोपा धान


रांची, 24 अगस्त (आईएएनएस)। रांची के नगड़ी इलाके में प्रस्तावित रिम्स-टू मेडिकल कॉलेज के लिए चिन्हित की गई जमीन को लेकर रविवार को भारी बवाल हुआ। पुलिस-प्रशासन की चौतरफा बैरिकेडिंग और आंसू गैस के गोलों की बौछार के बावजूद हजारों लोगों ने मेडिकल कॉलेज के प्रस्तावित साइट पर पहुंचकर हल चलाया और धान रोपा।

इसके पहले जमीन पर दावेदारी को लेकर इकट्ठा हुए हजारों ग्रामीणों और पुलिस-प्रशासन के बीच जमकर टकराव हुआ। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और बलप्रयोग भी किया।

इससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन आंदोलनकारी अलग-अलग जत्थों में साइट पर पहुंचने में सफल रहे। ‘झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा’ के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो और उनके कुछ साथी प्रशासन को चकमा देकर हल-बैल के साथ आंदोलन स्थल पर सबसे पहले पहुंचे। इसके बाद देखते-देखते हजारों महिला-पुरुष भी जमीन पर उतर आए।

आंदोलनकारियों की अगुवाई करने वालों में प्रेम शाही मुंडा, कमलेश राम, कुंदरेशी मुंडा, अंजना लकड़ा आदि शामिल रहे। आंदोलनकारी ग्रामीणों के नेतृत्व का ऐलान करने वाले राज्य के पूर्व सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन को प्रशासन ने एहतियाती तौर पर रविवार सुबह ही उनके आवास पर हाउस अरेस्ट कर लिया था।

प्रदर्शन स्थल पर जा रहे घाटशिला से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन को पुलिस ने तमाड़ थाना क्षेत्र में हिरासत में ले लिया, वहीं सरायकेला जिले के कांड्रा थाना क्षेत्र से जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा को भी डिटेन कर लिया गया। पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर और भाजपा नेता रामकुमार पाहन को भी पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने के पहले ही हिरासत में ले लिया।

प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए शनिवार शाम से ही पूरे इलाके में नाकेबंदी कर दी थी। नगड़ी जाने वाले रास्ते पर जगह-जगह बैरिकेडिंग करके लोगों को रोकने की कोशिश की गई थी। मेडिकल कॉलेज की प्रस्तावित साइट के आसपास निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश प्रशासन ने शनिवार को ही जारी कर दिया था।

आंदोलन की अगुवाई करने वाले चंपई सोरेन का कहना है कि यह आंदोलन अस्पताल निर्माण के खिलाफ नहीं है, बल्कि आदिवासी और मूलवासी किसानों की उपजाऊ जमीन छीने जाने के विरोध में है। जब बंजर जमीन और लैंड बैंक उपलब्ध है तो सरकार ने अधिग्रहण की वैधानिक प्रक्रिया पूरी किए बिना किसानों को खेती से रोकने का आदेश किस आधार पर जारी किया है।

दूसरी ओर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का कहना है कि नगड़ी की जमीन रिम्स-2 के लिए उपयुक्त है और वहां अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधा स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है, जिस जमीन पर रिम्स-टू का निर्माण कराया जाना है, उसका अधिग्रहण वर्षों पहले सरकार कर चुकी है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम


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