मुंबई, 11 नवंबर (आईएएनएस)। भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने हाल ही में घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से शर्मनाक हार के बाद खुद पर हो रही आलोचना पर कहा कि वह जानते हैं कि भारत के कोच की प्रतिष्ठित भूमिका निभाना बेहद कठिन है और उन्हें नहीं लगता कि “उन्हें इसका दबाव महसूस हो रहा है” क्योंकि उनका काम “पूरी तरह ईमानदार” है।
2012 के बाद से घरेलू सरजमीं पर यह भारत की पहली टेस्ट श्रृंखला हार है और इस शताब्दी में घरेलू सरजमीं पर 0-3 से पहली हार भी है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने स्वीकार किया कि उनकी टीम घरेलू मैदान पर विपक्षी न्यूजीलैंड की टीम से बुरी तरह से पराजित हुई और उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कोई बदलाव नहीं आएगा।
उन्होंने कहा, “इससे मेरे और किसी और के जीवन में क्या फर्क पड़ता है? जब मैंने यह काम संभाला, तो मैंने हमेशा सोचा कि यह एक बहुत ही मुश्किल काम होगा और साथ ही एक बहुत ही प्रतिष्ठित काम भी। ईमानदारी से, मुझे नहीं लगता कि मैं दबाव महसूस कर रहा हूं क्योंकि मेरा काम पूरी तरह से ईमानदार होना है। उस ड्रेसिंग रूम में कुछ अविश्वसनीय रूप से कठोर लोग हैं जिन्होंने देश के लिए कुछ बेहतरीन चीजें हासिल की हैं और देश के लिए कुछ बेहतरीन चीजें हासिल करना जारी रखेंगे। इसलिए उन्हें और भारत को कोचिंग देना एक बहुत बड़ा सम्मान है।”
इसके बाद उन्होंने टीम का ध्यान मौजूदा विश्व टेस्ट चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी चुनौती पर केंद्रित कर दिया है।
उन्होंने कहा, “स्पष्ट रूप से सीख यह है कि हम स्वीकार करते हैं कि हम परास्त हुए। मैं यहां बैठकर बचाव नहीं करने जा रहा हूं। मुझे लगता है कि हम तीनों विभागों में परास्त हुए। वे अधिक पेशेवर थे और हम इसे स्वीकार करते हैं। मुझे लगता है कि हमें जो आलोचना मिल रही है, हम इसे दोनों हाथों से लेते हैं और हम आगे बढ़ते रहते हैं, हर दिन बेहतर होते रहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “इन तीन टेस्ट मैचों से पहले हमने कानपुर में भी एक अविश्वसनीय टेस्ट मैच खेला था। मुझे पता है कि हमने अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला है, लेकिन इससे कुछ भी नहीं बदलता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह एक नई सीरीज है। ऑस्ट्रेलिया एक नया प्रतिद्वंद्वी है और हम यह सोचकर मैदान पर उतरते हैं कि हम निश्चित रूप से श्रृंखला जीतने की कोशिश करेंगे।”
–आईएएनएस
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