'राम भक्ति' और 'देश भक्ति' में अंतर नहीं : पेजावर संत

'राम भक्ति' और 'देश भक्ति' में अंतर नहीं : पेजावर संत

बेंगलुरु, 16 नवंबर (आईएएनएस)। पेजावर के संत विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामीजी ने गुरुवार को कहा कि ‘राम भक्ति’ और ‘देश भक्ति (राष्ट्र की सेवा) अलग नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि अगले वर्ष मकर संक्रांति पर्व के बाद 22 जनवरी को ‘अभिजीत मुहूर्त’ में अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीराम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

दक्षिण कन्नड़ में एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेते हुए कर्नाटक के एक प्रमुख धार्मिक संत पेजावर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर का उद्घाटन करेंगे। संत पेजावर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं।

उन्होंने कहा, “लंबे संघर्ष के बाद मंदिर बन रहा है। राम मंदिर के निर्माण से भारतीयों का सपना पूरा हुआ है। उद्घाटन के दिन हर किसी को अयोध्या जाने की इजाजत नहीं है। इस पृष्ठभूमि में, सभी को अपने स्थानों पर बड़े स्क्रीन पर समारोह देखना चाहिए।”

पेजावर संत ने कहा, “इसके साथ ही हर गांव, कस्बे या शहर के मंदिरों में पूजा की जानी चाहिए, भजन गाए जाने चाहिए और प्रसाद वितरित किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “प्रतिमा स्थापना के बाद, मंडल उत्सव होगा। प्रतिदिन अभिषेक और अलग-अलग पूजा-अर्चना की जाएगी। फिर, हर कोई अयोध्या में श्री राम मंदिर का दौरा कर सकता है और श्री राम की पूजा कर सकता है।”

“श्री राम मंदिर में सशुल्क पूजा सूची नहीं होगी।”

उन्होंने कहा, “राम ‘भक्ति’ और ‘देश भक्ति’ अलग नहीं हैं। हममें से जो लोग राम की सेवा करना चाहते हैं, उन्हें देश की सेवा करना भी अच्छा लगेगा। ‘उत्सव’ अगले साल 23 जनवरी से 10 मार्च के बीच आयोजित किया जाएगा।”

–आईएएनएस

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