नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। सेल्सफोर्स इंडिया की सीईओ और चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा है कि एआई के बढ़ते दायरे के बीच भरोसा बनाना एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। सुरक्षित और जिम्मेदार लार्ज लैंगुएज मॉडल (एलएलएम) बनाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है, ताकि डेटा सुरक्षित रहे।
आईएएनएस से बातचीत के दौरान भट्टाचार्य ने कहा कि एआई के लिए एक पब्लिक सेक्टर इनीशिएटिव स्थापित करने पर विचार हो रहा है और चीजों को उस तरीके से संबोधित करेंगे, जैसा सरकार चाहती है।
उन्होंने कहा, “सरकार के पास कई कठोर प्रक्रियाएं और नियम हैं, जिनका हमें पूरी तरह से पालन करने में सक्षम होना चाहिए। उसके बाद ही हम इसके लिए आगे बढ़ेंगे। यही कारण है कि हमने अभी तक पब्लिक सेक्टर एआई तुरंत शुरू नहीं किया।”
उनके अनुसार, सेल्सफोर्स को एक फायदा है, क्योंकि “हम चीजों को इस तरह से करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि अंतिम चरण तक पहुंचने से पहले एआई के साथ हर पहलू की जांच की जाती है और उन्हें खत्म कर दिया जाता है”।
पूर्व एसबीआई चेयरपर्सन ने कहा कि मौजूदा सरकार के एआई नियम सीधे तौर पर उन पर लागू नहीं होते हैं, क्योंकि वे बी2सी या एंड-यूज़र प्लेटफॉर्म नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “हम एक क्लाउड सेवा प्रदाता हैं, जो कोई हमारे सिस्टम में लॉग इन कर रहा है, वह किसी कंपनी की ओर से ऐसा कर रहा है। इसलिए, वे व्यक्तिगत उपभोक्ताओं से संबंधित मामलों की तुलना में कंपनी के मामलों से अधिक निपट रहे हैं।”
हम मूल रूप से लोगों को अपने स्वयं के एआई मॉडल लाने की अनुमति देते हैं। हम ग्राहकों से यह बताने के लिए कहते हैं कि वे किस मॉडल के साथ सहज होंगे और हम आपके लिए उस मॉडल को आपके साथ एकीकृत करेंगे।
उन्होंने आईएएनएस को बताया, “हमारी अपनी मजबूत ट्रस्ट लेयर है। हमारे एआई सिस्टम से जो कुछ भी निकल रहा है उसे इस परत से गुजरना होगा।”
एंटरप्राइज़ एआई के लिए डिज़ाइन किया गया, ‘आइंस्टीन ट्रस्ट लेयर’ उन विशेषताओं का एक संग्रह है जो सुरक्षा या सुरक्षा मानकों से समझौता किए बिना कंपनियों को जेनरेटिव एआई से लाभ उठाने में मदद करता है।
‘आइंस्टीन ट्रस्ट लेयर’ में जो नई सुविधाएँ जोड़ी गई हैं, वह ग्राहक-कॉन्फ़िगर डेटा मास्किंग है, जो व्यवस्थापकों को उन फ़ील्ड का चयन करने में सक्षम बनाती है जिन्हें वे मास्क करना चाहते हैं, जिससे अधिक नियंत्रण मिलता है।
इसके अतिरिक्त, एआई संकेतों और प्रतिक्रियाओं से एकत्र किए गए ऑडिट ट्रेल और फीडबैक डेटा को अब डेटा क्लाउड में संग्रहीत किया जाता है, जहां इसे फ्लो और अन्य आइंस्टीन 1 प्लेटफ़ॉर्म टूल के माध्यम से स्वचालित अलर्ट के लिए आसानी से रिपोर्ट किया जा सकता है या उपयोग किया जा सकता है।
कंपनी ने हाल ही में आइंस्टीन 1 स्टूडियो की उपलब्धता की घोषणा की है, जो लो-कोड टूल का एक सेट है जो एडमिन और डेवलपर्स को आइंस्टीन कोपायलट – ग्राहक संबंध प्रबंधन (सीआरएम) के लिए संवादात्मक एआई सहायक – को अनुकूलित करने और किसी भी ऐप में एआई को सहजता से एम्बेड करने में सक्षम बनाता है।
–आईएएनएस
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