भारत की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 30 तक 20 प्रतिशत के करीब पहुंचने का अनुमान : रिपोर्ट


नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 30 तक बढ़कर 20 प्रतिशत के करीब पहुंचने का अनुमान है, जो कि फिलहाल 13 प्रतिशत है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सोमवार को दी गई।

वित्तीय सेवा फर्म इक्विरस कैपिटल की रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती मांग, नीतिगत सुधारों और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत के बेहतर एकीकरण और वैश्विक कंपनियों की ओर से चीन से अलग विविधता लाने के लंबी अवधि के ट्रेंड के कारण 2030 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की भारत की जीडीपी में हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी।

इक्विरस कैपिटल के प्रबंध निदेशक और सेक्टर लीड इंडस्ट्रियल्स मुनीश अग्रवाल ने कहा, “इस सेक्टर ने स्थिर विस्तार के लिए एक मजबूत नींव रखी है और टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं में वृद्धि के कारण भू-राजनीतिक जटिलताओं को छोड़कर, भारतीय कॉरपोरेट्स अगले पांच वर्षों में बेहद उच्च वृद्धि देखेंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई), गति शक्ति और इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार की योजनाओं के कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भारत के विकास का एक अहम स्तंभ बनने को तैयार है।

जुलाई 2022 से बीएसई इंडस्ट्रियल्स इंडेक्स के सेंसेक्स और अन्य क्षेत्रीय सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन से भी ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं।

रिपोर्ट में बताया गया कि इंडस्ट्रियल सेक्टर की ओर से वित्त वर्ष 25 में 32 आईपीओ के जरिए 663.2 अरब रुपए और विलय एवं अधिग्रहण तथा प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट से 1,432.8 अरब रुपए जुटाए थे।

रिपोर्ट के अनुसार, विलय एवं अधिग्रहण के नेतृत्व वाला कंसोलिडेशन ईवी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सीमेंट क्षेत्रों में विकास के अगले चरण को आकार देगा, जबकि पैकेजिंग, एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में प्राइवेट इक्विटी निवेशकों की रुचि वित्त वर्ष 30 तक मजबूत बनी रहने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और एआई एकीकरण में औद्योगिक क्षेत्रों में डीप-टेक और मशीन लर्निंग का एकीकरण देखने को मिलेगा और छोटे मैन्युफैक्चरिंग संस्थाएं भी रोबोटिक्स को अपनाएंगे।

–आईएएनएस

एबीएस/


Show More
Back to top button