इस्कॉन के वरिष्ठ संत ने पुरी रथ यात्रा में भक्तों के भोजन की व्यवस्था में अदाणी समूह के सहयोग की सराहना की


पुरी, 30 जून (आईएएनएस)। इस्कॉन से जुड़े वरिष्ठ संत दीन गोपाल दास ने रथ यात्रा के दौरान पुरी में आने वाले हजारों भक्तों के लिए भोजन की व्यवस्था करने में अदाणी समूह के उदार सहयोग की सराहना की।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “हम अदाणी समूह के महत्वपूर्ण योगदान के लिए आभारी हैं। श्रील प्रभुपाद हमेशा कहते थे कि जब भी हम किसी पवित्र स्थान पर जाएं, तो हमें भक्ति में लीन होना चाहिए, दिव्य प्रवचन सुनना चाहिए, भगवान का नाम जपना चाहिए और भरपूर मात्रा में प्रसाद परोसना चाहिए।”

रथ यात्रा के लिए भारत और विदेशों से आने वाले भक्तों की भारी भीड़ के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “ऐसे बड़े आयोजनों के दौरान, अकेले प्रशासन के लिए हर जरूरत को पूरा करना हमेशा संभव नहीं होता है। यहीं पर इस्कॉन जैसे संगठन आगे आते हैं। पहले हम रोजाना 10,000-15,000 लोगों को खाना परोसते थे, लेकिन अदाणी परिवार के सहयोग से, अब हम पुरी में लगभग 15 स्थानों पर हर दिन 40,000-50,000 से ज्यादा लोगों को पवित्र भोजन बांट रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि पके हुए भोजन के अलावा, टीम तीर्थयात्रियों को भीषण गर्मी से निपटने में मदद करने के लिए मुफ्त फ्रूट जूस भी वितरित कर रही है।

इस्कॉन के संत ने आगे कहा, “यह सहयोगात्मक पहल केवल भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि प्रेम और भक्ति के साथ मानवता की सेवा करने के बारे में है।”

संत ने गौतम अदाणी परिवार द्वारा स्थापित सुषमा गार्डन में शांत व्यवस्था की भी प्रशंसा की, जहां आध्यात्मिक रूप से उत्थानशील वातावरण में भक्ति प्रवचन और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।

उन्होंने अंत में कहा, “भक्तों को भोजन कराना ईश्वरीय सेवा का एक रूप है। हम प्रार्थना करते हैं कि अधिक से अधिक लोग ऐसी भावना के साथ आगे आएं। जब हम खुद को भगवान की सेवा के लिए समर्पित करते हैं, तो समाज में शांति और सद्भाव स्वाभाविक रूप से आता है।”

इसके अतिरिक्त पुरी के स्थानीय लोगों ने भी अदाणी समूह की इस सेवा की तारीफ की।

पुरी की स्थानीय निवासी शर्मिष्ठा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “हर साल मैं भव्य रथ यात्रा देखती हूं और भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेने के लिए इतने सारे लोगों को आते देखकर बहुत खुशी महसूस करती हूं। लेकिन इस साल, मुझे और भी खुशी तब हुई जब मैंने अदाणी समर्थित इस्कॉन रसोई को हजारों लोगों को शुद्ध, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन परोसते हुए देखा।”

–आईएएनएस

एबीएस/


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