रामकुमारजी के लिए संघ का निर्णय सर्वोपरि रहा : दत्तात्रेय होसबोले
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लखनऊ, 22 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और पूर्व सहक्षेत्र संघचालक रामकुमारजी की श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि उनके लिए संघ का निर्णय ही सर्वोपरि था।
उन्होंने रामकुमार की निष्ठा, समर्पण और अनुशासन की सराहना करते हुए कहा कि उनका जीवन एक आदर्श कार्यकर्ता का प्रतीक था, जो न केवल संघ के लिए बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत रहेगा। लंबी बीमारी के बाद 19 फरवरी को प्राण त्यागने वाले रामकुमारजी का संघ के कार्यों में योगदान अनमोल था। रामकुमारजी का जीवन संघ के कार्यों में समर्पण और राष्ट्र सेवा के लिए एक आदर्श बन गया था।
श्रद्धांजलि सभा निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के सभागार में आयोजित की गई, जिसमें संघ के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
दत्तात्रेय होसबाेले ने अपने संबोधन में कहा कि जो जन्म लेता है, उसे मरना ही होता है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि जीवन भर वह किस प्रकार अपनी यात्रा करता है और दूसरों के लिए क्या छोड़कर जाता है। रामकुमारजी ने अपने जीवन में संघ के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए और संघ कार्य में पूरी निष्ठा से योगदान दिया। रामकुमार एक अत्यधिक अनुशासनप्रिय स्वयंसेवक थे और उनकी यही निष्ठा दूसरों के लिए एक प्रेरणा बन गई। जब संघ ने गणवेश में बदलाव किया, तो रामकुमारजी ने उसे भी सहजता से स्वीकार कर लिया। रामकुमारजी का कहना था कि संघ ने कहा है तो करना है, जो उनके समर्पण को दर्शाता है।
अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख और पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के पालक स्वांत रंजन ने रामकुमारजी के कार्यों और समर्पण को रेखांकित करते हुए कहा कि उनका जीवन हमेशा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेगा। उनके जीवन का हर पहलू संघ कार्य के प्रति निष्ठा और समर्पण का प्रतीक था। उन्होंने अपने जीवन में कभी यह नहीं सोचा कि संघ कार्य में उन्हें क्या मिलेगा, बल्कि वे हमेशा यह सोचते थे कि वे संघ के लिए क्या दे सकते हैं।
स्वांत रंजन ने बताया कि रामकुमारजी ने संघ के विभिन्न पदों पर कार्य किया और हमेशा अपने कार्य को पूरी ईमानदारी से निभाया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी रामकुमारजी के जीवन के आदर्शों को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। रामकुमारजी ने अपनी पूरी जिंदगी संघ कार्य के लिए समर्पित की और वे हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। हम सभी उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं और उनके कार्यों को साकार करने की पूरी कोशिश करेंगे।
राष्ट्रधर्म पत्रिका के निदेशक और पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख मनोजकांत ने रामकुमारजी के जीवन और उनके कार्यों को याद करते हुए कहा कि जब भी वे मिलते थे, तो संघ के कामों के प्रति उनकी चिंता और समर्पण स्पष्ट रूप से दिखाई देता था। रामकुमारजी हमेशा तैयार होकर किसी भी बौद्धिक कार्यक्रम में भाग लेते थे और उनका यह समर्पण संघ कार्य के प्रति उनके आदर्श को दर्शाता था। रामकुमारजी का जीवन एक शिक्षक के रूप में भी बहुत प्रेरणादायक था। वे अपनी पूरी तैयारी के साथ किसी भी काम को करने में विश्वास रखते थे।
–आईएएनएस
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