नाम बदलने की राजनीति से जनता परेशान, असली मुद्दों से ध्यान भटका रही है सरकार : वारिस पठान

मुंबई, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने दौलताबाद का नाम बदलने की मांग को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब सरकार के पास असली मुद्दों पर बोलने को कुछ नहीं होता, तब वह नामकरण की राजनीति करने लगती है।
उन्होंने कहा, “नाम बदलने से क्या किसानों की आत्महत्या रुक जाएगी? क्या बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा? क्या शिक्षा और स्वास्थ्य बेहतर हो जाएगा? नहीं। बस नाम बदलो, जनता का ध्यान भटकाओ और हिंदू-मुसलमान की राजनीति करो।”
पठान ने कहा, “भाजपा सरकार के पास असली मुद्दों का हल नहीं है, इसलिए तीन सौ साल पुराने औरंगजेब जैसे विषयों को उठाकर लोगों की भावनाएं भड़काई जा रही हैं। अब तो ऐसा लग रहा है जैसे भाजपा का असली एजेंडा नामकरण और ध्रुवीकरण ही रह गया है।”
वक्फ बोर्ड से संबंधित संशोधित अधिनियम को लेकर वारिस पठान ने कहा कि यह कानून पूरी तरह से असंवैधानिक है और इससे संविधान के अनुच्छेदों का उल्लंघन होता है। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी पहले ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुकी है और उन्हें विश्वास है कि न्यायपालिका इस पर सही फैसला सुनाएगी।
उन्होंने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा, “वे विरोध तो करते हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट नहीं जाते। उन्हें अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। अगर आप संविधान को मानते हैं, तो फिर पूरी ताकत से इस बिल का विरोध करें।”
उल्लेखनीय है कि भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) संजय केनेकर ने कहा है कि राज्य सरकार खुल्दाबाद और दौलताबाद के नाम बदलने का प्रस्ताव लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजी नगर के खुल्दाबाद को ‘रत्नापुर’ के नाम से जाना जाना चाहिए, और इसी ऐतिहासिक स्थान पर छत्रपति संभाजी महाराज का एक विशाल स्मारक भी बनाया जाएगा।
संजय केनेकर ने कहा, “मुगलों ने हमारे पूर्वजों का इतिहास मिटाने की कोशिश की थी। अब समय है कि हम अपना इतिहास संजोएं और आने वाली पीढ़ियों को बताएं कि धर्म और संस्कृति की रक्षा कैसे की जाती है। स्मारक का उद्देश्य बच्चों को वीरता और त्याग की कहानी बताना है।”
–आईएएनएस
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