देशभर में यूपीआई लेनदेन में दिक्कत, ‘तकनीकी समस्या’ बनी वजह


नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए डिजिटल पेमेंट सर्विस शनिवार को देशभर में ठप हो गई। यूपीआई सर्विस के डाउन होने से लाखों यूजर्स को परेशानी आई।

डिजिटल सर्विस को लेकर अलग-अलग ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म पर बाधा बनी रही, जिसकी वजह से यूजर्स को खरीदारी से लेकर बिल पेमेंट और बिजनेस ट्रांजैक्शन में परेशानी हुई।

आउटेज ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म डाउन डिटेक्टर के अनुसार, दोपहर 1 बजे तक 2,358 शिकायतें दर्ज की गईं। यूपीआई सर्विस को लेकर 81 प्रतिशत सबसे ज्यादा शिकायतें पेमेंट को लेकर दर्ज की गईं। वहीं, 17 प्रतिशत शिकायतें फंड ट्रांसफर को लेकर दर्ज की गईं।

यूपीआई सेवाओं का संचालन करने वाली भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने कहा कि तकनीकी समस्याओं के कारण यूपीआई सर्विस को लेकर परेशानी आई।

एनपीसीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “एनपीसीआई को वर्तमान में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से यूपीआई लेनदेन में बाधा आ रही है।”

एनपीसीआई की ओर से आगे कहा गया, “हम इस परेशानी को लेकर काम कर रहे हैं और आपको अपडेट करते रहेंगे। यूजर्स को हो रही असुविधा के लिए हमें खेद है।”

यूपीआई सर्विस को लेकर एसबीआई, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसे प्रमुख बैंकिंग ऐप भी प्रभावित हुए।

एक्स पर एक यूजर ने लिखा, “यूपीआई फिर से डाउन हो गया है। अच्छा है कि मैं हमेशा नकदी रखता हूं। कैश इज ऑलवेज किंग।”

एक दूसरे यूजर ने लिखा, “आजकल यह बहुत आम हो गया है। पहले यूपीआई डाउन हो जाता है, फिर बैंक यूपीआई लेनदेन के लिए अपना खुद का ‘डाउनटाइम’ घोषित कर देते हैं।”

एनपीसीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई ने मार्च में 18.3 बिलियन लेनदेन की मात्रा दर्ज की। लेनदेन की मात्रा में मासिक आधार पर 13.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। फरवरी में लेनदेन की यही मात्रा 16.11 बिलियन थी।

मार्च महीने में यूपीआई-आधारित लेनदेन का रिकॉर्ड 24.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी में 21.96 लाख करोड़ रुपये से 12.79 प्रतिशत अधिक है।

एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई नेटवर्क ने दैनिक आधार पर 79,910 करोड़ रुपये के दैनिक लेनदेन की संख्या के साथ 590 मिलियन से अधिक औसत लेनदेन दर्ज किए।

मार्च में 24.77 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड-तोड़ यूपीआई लेनदेन ने मूल्य में सालाना आधार पर 25 प्रतिशत और मात्रा में 36 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम


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