महाराष्ट्र में लापता बच्चों की संख्या चिंताजनक : शिवसेना यूबीटी नेता अंबादास दानवे

मुंबई, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में बच्चों के लापता और अपहरण के मामलों पर विपक्ष हमलावर है। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ऐसे अपराधों के आंकड़ों की बढ़ोतरी पर चिंता जताई है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “महाराष्ट्र में लापता होने वाले बच्चों की संख्या चिंताजनक रूप से बहुत ज्यादा है। बच्चों को अक्सर स्कूल या ट्यूशन क्लास जाते समय निशाना बनाया जाता है। उन्हें अलग-अलग तरीकों से बहला-फुसलाकर किडनैप कर लिया जाता है। इसी तरह, महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में महिलाएं, खासकर 15-25 साल की उम्र की, लापता हो रही हैं। इन लापता होने की घटनाओं का पैमाना बहुत बड़ा है, और सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।”
घुसपैठ के मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, “देश की सीमाओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी किसकी है? वे दावा करते हैं कि बांग्लादेश से लोग, मुसलमान और रोहिंग्या बंगाल में घुस रहे हैं, लेकिन सीमा सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है। मेरा मानना है कि यह जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। मेरा मानना है कि इस मुद्दे को जनता के सामने लाना चाहिए और सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए।”
सरकार पर निशाना साधते हुए अंबादास दानवे ने कहा, “देश को बांटने के लिए भाजपा जिम्मेदार है। मेरा मानना है कि देश में देशभक्ति होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ देशभक्ति ही नहीं, विकास भी होना चाहिए। हमारा यही मानना है।”
उन्होंने पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर कहा, “अब बाबरी का नाम उठाने का क्या मतलब है? देश में अब बाबरी मस्जिद नहीं है, इसलिए अब इस मुद्दे को उठाना सिर्फ राजनीतिक मकसद के लिए है। बाबरी का बंगाल से क्या लेना-देना? बाबरी उत्तर प्रदेश में थी, और अब वह है भी नहीं। तो इस संदर्भ में ममता का नाम लाने का क्या मतलब है?”
उन्होंने कहा, “यह राजनीति के जरिए सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है, जो भारतीय जनता पार्टी बंगाल समेत हर जगह करती रहती है। क्योंकि भाजपा में ममता बनर्जी को राजनीतिक रूप से हराने की ताकत नहीं है, इसलिए वे बाबरी जैसे मुद्दे उठाते रहते हैं और एक के बाद एक मुद्दे उठाते रहेंगे।”
–आईएएनएस
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