'महाकुंभ' देश की एकता का संदेश, इतिहास के सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा : सतुआ बाबा


प्रयागराज, 26 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से आयोजित भव्य और दिव्य महाकुंभ का 26 फरवरी महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आखिरी स्‍नान के साथ समापन हो गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।

महाकुंभ के समापन पर जगत गुरु संतोष दास सतुआ बाबा ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात की। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेला देश की एकता के प्रतीक के रूप में इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। करोड़ों लोगों ने महाकुंभ आकर अपना विश्वास प्रकट किया और एकता का संदेश दिया है। 60 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में पवित्र स्नान कर अपने घर लौटे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने समर्पण और नेतृत्व के माध्यम से इस कुंभ को अपने दैनिक कार्यक्रम में शामिल किया और सुनिश्चित किया कि हर विभाग इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास करें, जिसे दुनिया ने स्वीकार किया। 13 अखाड़ों के सभी महापुरुषों ने दिव्य और भव्य महाकुंभ में पवित्र स्नान किया। भारत में सनातन से जुड़े सभी लोग यहां पर पहुंचे। इतिहास के पन्नों पर यह महाकुंभ अमर रहेगा। इस कुंभ से विश्व में शांति का संदेश गया है।

बता दें कि इस महाकुंभ में तीन अमृत स्नान हुए। राजनीति से जुड़े दिग्गज महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे। फिल्म, खेल जगत के चेहरे भी कुंभ में सनातन परंपरा से रूबरू होते हुए नजर आए। विदेशों से भी लोग यहां पहुंचे। सभी ने भव्य और दिव्य महाकुंभ का अनुभव लिया। यहां आने वाले श्रद्धालुओं ने राज्य सरकार और मेला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था को सराहा। रेलवे द्वारा मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं।

देशभर से पहुंचे लोगों ने सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई व्यवस्था को सराहा। लोगों का मानना है कि इससे पहले उन्होंने आज तक इतना भव्य महाकुंभ का आयोजन नहीं देखा।

–आईएएनएस

डीकेएम/सीबीटी


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