150 साल का हुआ बीएसई, बरगद के पेड़ से ऐसे शुरू हुआ एशिया के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज का सफर


नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को बुधवार को 150 साल पूरे हो जाएंगे। एशिया के पहले स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 9 जुलाई, 1875 को दक्षिण मुंबई में टाउन हॉल के पास हुई थी। हालांकि, इससे दो दशक पहले बीएसई का सफर 1855 में तब शुरू हुआ था, जब बरगद के पेड़ के नीचे कॉटन की खरीद-बिक्री करने के लिए ट्रेडर्स मिलते थे।

इस स्थान पर समय के साथ-साथ ट्रेडर्स की संख्या बढ़ती चली गई और बड़ी संख्या में ट्रेडर्स के आने के चलते 9 जुलाई, 1875 को नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन की स्थापना हुई, जो आगे चलकर बीएसई बना।

बीएसई की स्थापना जापान के मौजूद टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज से भी तीन साल पहले हुई थी। इस कारण बीएसई को एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज भी कहा जाता है।

बीएसई के मुख्य संस्थापकों में प्रेमचंद रॉयचंद भी शामिल थे, जिन्हें बंबई का ‘कॉटन किंग’ कहा जाता था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत में नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के सदस्यों की संख्या 318 थी। इसका प्रवेश शुल्क एक रुपया था।

रिपोर्ट्स के अनुसार, बीएसई के लिए मौजूदा भूमि 1928 में खरीदी गई थी, जबकि बिल्डिंग का निर्माण 1930 में शुरू हुआ था।

फिर आजादी के बाद 1957 में सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट (रेगुलेशन) एक्ट (एससीआरए) के जरिए बीएसई को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई।

मौजूदा बीएसई बिल्डिंग – पीजे टावर्स का निर्माण 1970 में हुआ था।

इस बिल्डिंग का नाम बीएसई के पूर्व चेयरमैन फिरोज जमशेदजी जीजीभॉय के नाम पर रखा गया, जिन्होंने 1966 से 1980 तक बीएसई का कामकाज संभाला था।

बीएसई ने 1986 में 100 के आधार के साथ भारत का पहला स्टॉक इंडेक्स सेंसेक्स लॉन्च किया गया।

सेंसेक्स ने पहली बार 1,000 का आंकड़ा 1990 में छुआ था। इसके बाद 1999 में पहली बार 5,000 और 2007 में 20,000 और 2024 में 80,000 का आंकड़ा पार किया था।

मौजूदा समय में बीएसई दुनिया के बड़े स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है, जिस पर 4,100 से ज्यादा कंपनियां सूचीबद्ध हैं और इसका बाजार पूंजीकरण 461 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है।

–आईएएनएस

एबीएस/


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