टाटा एयरलाइंस से एयर इंडिया तक का सफर, 1932 में भरी थी पहली उड़ान


नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर इंडिया ने 15 अक्टूबर 1932 को पहली उड़ान भरी थी और इसकी स्थापना देश के पहले कमर्शियल पायलट और टाटा ग्रुप के तत्कालीन मुखिया जेआरडी टाटा ने की थी।

शुरुआती दौर में एयर इंडिया का नाम टाटा एयरलाइंस था और उस समय इसके जरिए पत्र और यात्रियों का आवागमन कराची, अहमदाबाद, बंबई (मुंबई), बेल्लारी और मद्रास (चेन्नई) के बीच होता था। 1939 में इसके रूट्स का विस्तार त्रिवेंद्रम, दिल्ली , कोलंबो और लाहौर तक कर दिया गया था।

1946 में टाटा एयरलाइन का नाम बदलकर एयर इंडिया हो गया और इसी साल से प्राइवेट से एक पब्लिक कंपनी बन गई है।

एयर इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक, एयरलाइन ने पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान 8 जून, 1948 को भरी। यह उड़ान बंबई से लंदन की थी, जिसमें दो काहिरा और जिनेवा दो स्टोप थे।

एयरलाइन के इतिहास में बड़ा मोड़ तब आया, जब 1953 में कई अन्य एयरलाइन के साथ इसका राष्ट्रीकरण कर दिया गया। इस दौरान सरकार की ओर से दो एयरलाइन बनाई गई, पहली घरेलू मार्गों के लिए एयर इंडिया लिमिटेड और दूसरी अंतरराष्ट्रीय मार्गों के लिए एयर इंडिया इंटरनेशनल लिमिटेड।

यहां से एयर इंडिया का सुनहरा दौर शुरू हो गया और भारतीय एविएशन में एक छत्र राज किया। 1990 के दशक में निजी एयरलाइंस को एविएशन में अनुमति देने के बाद चीजें तेजी से बदल गई और एयर इंडिया का मार्केट शेयर कम होता चला गया।

कंपनी की लगातार खराब स्थिति के कारण सरकार ने एयर इंडिया को फिर से निजीकरण की योजना को मंजूरी दे दी और 2021 में एयरलाइन को फिर से टाटा ग्रुप की ओर से 2.3 अरब डॉलर में खरीद लिया गया।

टाटा ग्रुप अधिग्रहण के बाद बड़े स्तर पर एयरलाइन में बदलाव कर रही है। एयर इंडिया ने एयरबस और बोइंग से 470 एयरक्राफ्ट के अधिग्रहण के लिए एग्रीमेंट किए हैं। यह सिविल एविएशन इतिहास के अब तक के सबसे बड़े ऑर्डर्स में से एक है और इसकी वैल्यू करीब 70 अरब डॉलर है।

वहीं, ग्राहक अनुभव पर भी कंपनी ध्यान दे रही है और सीटों के अपग्रेड और इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट पर कंपनी ने करीब 400 मिलियन डॉलर निवेश किए हैं।

मौजूदा समय में एयर इंडिया 150 घरेलू गंतव्यों और 70 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों पर अपनी सेवाएं दे रही है।

–आईएएनएस

एबीएस/


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