आईआईटीएफ 2025 में झारखंड दिवस का भव्य आयोजन, पवेलियन बना आकर्षण का केंद्र

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ 2025) के झारखंड पवेलियन में झारखंड दिवस कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर झारखंड के मुख्य सचिव अविनाश कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने प्रदेश की समृद्ध परंपराओं, आदिवासी सांस्कृतिक विरासत और विकास यात्रा की इस प्रस्तुति को विशेष रूप से सराहा, जिससे कार्यक्रम की भव्यता और भी बढ़ गई।
नाट्यशाला थिएटर में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में झारखंड के लोक कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। संगीत और विरासत से सजी इन प्रस्तुतियों ने झारखंड की सांस्कृतिक विविधता को प्रभावशाली रूप में उजागर किया।
मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने पवेलियन पहुंचकर सबसे पहले भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और दीप प्रज्वलित कर स्थापना दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने पवेलियन में लगे सभी 32 स्टॉलों का अवलोकन किया, जहां उन्होंने राज्य के कारीगरों, उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रस्तुत उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य भी इस फेयर में अपने विकास को प्रदर्शित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी संस्कृति, परंपरा और विकास मॉडल—तीनों को समान प्राथमिकता देते हुए हम शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल, तकनीक और हवाई कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आधुनिक और उपयोगी इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विकसित कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य झारखंड को एक सक्षम, समृद्ध और भविष्य-उन्मुख राज्य के रूप में स्थापित करना है।
25वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रगति मैदान का एम्फीथियेटर झारखंड की लोक-सांस्कृतिक रंगत से गुलजार रहा। दर्शकों ने झारखंड की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया, जिनमें झारखंड के तपन नायक और टीम का छऊ नृत्य, किशोर नायक और टीम का नागपुरी नृत्य, सुखराम पहन और टीम का मुंडारी नृत्य, कृष्ण भगत और टीम का उरांव नृत्य और अशोक कच्छप का पाइका नृत्य ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया।
झारखंड पवेलियन में इस वर्ष विविधता और रचनात्मकता का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है, जहां राज्य के दर्जनों स्टॉल संचालक अपनी विशिष्ट कला और उत्पादों के साथ मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। पैतकर और सोहराय पेंटिंग जैसे पारंपरिक कला स्टॉलों के साथ-साथ मत्स्य निदेशालय, जहाजगढ़ केंद्रीय, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, झारक्राफ्ट, पालाश मार्ट और झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड जैसे संस्थागत स्टॉल विशेष आकर्षण बने हुए हैं।
इसके अलावा, छोटानागपुर क्राफ्ट, माटी कला बोर्ड, अर्मान कार्पेट, करियातपुर ब्रास, एमवीएम भागिमा (जोहार रागी), पीपल ट्री सहित कई स्थानीय उद्यमी और कारीगर जैसे मकबूल जादुपटिया, गीता वर्मा, संध्या सिंह कुंतिया, अनीता मंडल, अनूपा कुजूर, रजत कुमार हैंडलूम, आरती देवी हैंडलूम, अमोलीना सारस, ओम क्रिएशन, आइशा हैंडलूम, डामू बोडरा, बेबी कुमारी, बोगेंद्र पासवान और शांति विजय एंड कंपनी अपनी हस्तनिर्मित कलाओं और उत्पादों से आगंतुकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे हैं।
झारखंड स्थापना दिवस समारोह ने आईआईटीएफ 2025 में राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, कारीगरों की रचनात्मकता और सरकार की विकासोन्मुख नीतियों का एक जीवंत, प्रेरक और गतिशील रूप प्रस्तुत किया। झारखंड पवेलियन इस वर्ष भी नवाचार, परंपरा और प्रगति का अनूठा संगम बनकर उभरा है।
–आईएएनएस
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