'एमबीई' अवॉर्ड से सम्मानित पहले भारतीय क्रिकेटर, जिनके शिष्य रहे वीवीएस लक्ष्मण


नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। ‘बॉबी’ के नाम से मशहूर एम. वी. नरसिम्हा राव घरेलू क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड के बावजूद भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ज्यादा सफल नहीं हो सके, लेकिन उनके नाम एक बड़ी उपलब्धि है।

नरसिम्हा राव ‘मेंबर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर’ (एमबीई) से सम्मानित पहले भारतीय क्रिकेटर हैं।

नरसिम्हा राव न सिर्फ एक क्रिकेटर, बल्कि एक कोच भी हैं। नरसिम्हा राव ने कुछ समय के लिए आयरलैंड में पेशेवर क्रिकेट खेला। उन्होंने वहां के खिलाड़ियों को कोचिंग भी दी।

आयरलैंड में क्रिकेट को बढ़ावा देने में उनके योगदान और उत्तरी आयरलैंड में कठिन समय के दौरान क्रिकेट के जरिए जातीय समुदाय के लिए की गई सामुदायिक सेवा के लिए उन्हें दिसंबर 2012 में ‘एमबीई पदक’ से सम्मानित किया गया था।

11 अगस्त 1954 को सिकंदराबाद में जन्मे ‘बॉबी’ ने 1978-79 में चार टेस्ट खेले। दाएं हाथ के बल्लेबाज और लेग-स्पिनर ने हैदराबाद को 1986-87 में रणजी ट्रॉफी जिताई।

अपने हाई आर्म एक्शन से टर्न और बाउंस हासिल करने वाले नरसिम्हा राव को 1978-79 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम में चुना गया था, लेकिन दो टेस्ट मैचों के बाद यह खिलाड़ी अपनी जगह बनाए नहीं रख सका।

अगले सीजन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के लिए उन्हें वापस लाया गया, लेकिन दो और टेस्ट मैचों के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। नरसिम्हा राव ने चार टेस्ट मुकाबलों में 9.20 की औसत के साथ महज 46 रन बनाए, लेकिन एक सतर्क क्लोज-इन फील्डर के रूप में आठ कैच लपके। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में तीन विकेट भी हैं।

नरसिम्हा राव के फर्स्ट क्लास करियर को देखा जाए, तो उन्होंने 108 मुकाबलों की 146 पारियों में 40.71 की औसत के साथ 4,845 रन बनाए, जिसमें नौ शतक और 30 अर्धशतक शामिल रहे। इस दौरान उन्होंने 245 विकेट भी चटकाए। लिस्ट-ए क्रिकेट के 18 मुकाबलों में उनके नाम 292 रन दर्ज हैं।

नरसिम्हा राव को उन खिलाड़ियों में गिना जाता है, जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से ज्यादा टीम भावना पर ध्यान दिया। नरसिम्हा राव ने कई नामी खिलाड़ियों को कोचिंग दी, जिसमें वीवीएस लक्ष्मण भी थे।

वीवीएस लक्ष्मण खुद बता चुके हैं कि वह चाहे दुनिया के किसी भी कोने में खेलें, नरसिम्हा राव उनके खेल को हमेशा फॉलो करते थे। वह उन्हें अक्सर बताते थे कि कहां सुधार किया जा सकता है।

–आईएएनएस

आरएसजी


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