जम्मू-कश्मीर : 'किसान सम्मान निधि से मिली मदद', राजौरी के किसानों ने प्रधानमंत्री का जताया आभार

राजौरी, 23 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त सोमवार को देशभर के किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे लाखों किसानों को राहत मिलेगी। इस योजना के तहत किसानों को हर साल छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है, जिसका इस्तेमाल वे कृषि कार्यों के खर्चों के लिए करते हैं।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के किसानों ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। किसानों का कहना है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना ने उनकी उत्पादन क्षमता और आर्थिक स्थिति में सुधार किया है। सरकारी अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया है कि इस बार भी भुगतान प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी की जाएगी और सभी लाभार्थियों को समय पर उनकी किस्त मिल जाएगी। अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी किस्त की स्थिति ऑनलाइन चेक करें।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है और किसानों के लिए यह एक अहम कदम साबित हुआ है। किसान इस किस्त का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे अपने कृषि कार्यों को सुचारू रूप से चला सकें।
अमर सिंह ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि हम देश के प्रधानमंत्री जी का तहेदिल से धन्यवाद करते हैं कि वह किसानों के बारे में इतना सोचते हैं, जिससे हमारा मनोबल और बढ़ता है। इसके साथ-साथ हमारे खाते में जो पैसे डाले जाएंगे, उनसे हम अपनी फसलों के लिए बीज, खाद और बाकी का सामान खरीद सकते हैं। इसके साथ ही राजौरी का कृषि विभाग भी हमारी बहुत सहायता करता है। उन्होंने कहा कि किसानों को इस योजना के तहत अब तक 18 किस्तों में 36 हजार रुपये मिल चुके हैं।
एक अन्य किसान ने बताया, “सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी हमारे खाते में पैसे डालेंगे। इसके लिए हम उनका दिल से धन्यवाद अदा करते हैं। इससे पहले हमारे पास बीज के पैसे नहीं होते थे, लेकिन अब हम आसानी से बीज, खाद और अन्य सामान खरीद सकते हैं।”
–आईएएनएस
पीएसके/एकेजे