पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों के परिजनों ने 'ऑपरेशन महादेव' को बताया ऐतिहासिक


करनाल/पुणे, 29 जुलाई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के लिडवास इलाके में सेना के जवानों ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत तीन आतंकियों को मार गिराया। सभी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शामिल थे। वहीं, इस पर पहलगाम में जान गंवाने वालों के परिवार में खुशी का माहौल है। लोगों ने सरकार और सेना के शौर्य की सराहना की। उन्‍होंने ‘ऑपरेशन महादेव’ को ऐतिहासिक बताया।

हरियाणा में करनाल के विनय नरवाल के टीचर माहिर बनर्जी ने कहा कि भारत की 140 करोड़ जनता, जिसके ऊपर दुख का पहाड़ टूटा था, वो कुछ हद तक हल्का हुआ। जिस दिन हमारी सरकार आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा कर देगी, उस दिन एक-एक भारतीय की जीत होगी।

माहिर बनर्जी ने बताया कि विनय नरवाल नेवी अधिकारी बनने के बाद सीधा मेरे पास अपनी बहन के साथ आए थे।

उन्होंने कहा कि भारत की जनता का किसी भी तरह का सहयोग चाहिए तो सभी सरकार के साथ हैं। पहलगाम में जो घटना हुई थी, उसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है। विनय नरवाल के परिजन को सकून जरूर मिला होगा। उनके जख्म तभी भरेंगे, जब हमारी सेना और सरकार आतंकियों को उनके घर में जाकर सबक सिखाने का काम करेगी।

वहीं, पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले पुणे के संतोष जगदाले की पत्नी प्रगति ने बताया कि मैं महादेव की भक्त हूं, मैंने पूजा के दौरान भगवान से यह सवाल पूछा था कि हमें न्याय कब मिलेगा। मेरा हंसता खेलता परिवार टूट गया है। आतंकियों को सजा कब मिलेगी। उसके बाद तुरंत ही मुझे बेटी का फोन आया, जिसने बताया कि पहलगाम आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले तीन आतंकियों को हमारी सेना ने मौत के घाट उतार दिया है। इस खबर को सुनते ही मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे।

संतोष जगदाले की बेटी असावरी ने बताया कि ऑपरेशन महादेव एक बड़ा कदम है। इस तरह के ऑपरेशन आतंकियों के खात्‍मे तक चलते रहने चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार और भारतीय सेना को धन्‍यवाद देती हूं। कुछ आतंकियों के चेहरों की पहचान मैंने की थी, जिसमें से मुझे लगता है कि ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों में से एक है।

–आईएएनएस

एएसएच/एबीएम


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