संबलपुर (ओडिशा), 1 फरवरी (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया। इस बार कुल बजट ₹50.65 लाख करोड़ का है। इस बजट में, नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए 12.75 लाख तक की आयकर की छूट दी गई है। ओएएसएमई के महासचिव सात्विक स्वैन ने कहा कि इस बजट में एमएसएमई की परिभाषा को बदला गया है, जिसमें प्लांट और मशीनरी के साथ-साथ टर्नओवर की लिमिट को दोगुना कर दिया गया है। एमएसएमई को फंड करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “बजट को अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो, चीन के वैश्विक बाजार में डाउनफॉल को देखते हुए, भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए जो नीतियां बनानी चाहिए, उसी दृष्टिकोण से यह बजट तैयार किया गया है। इस बजट में मुख्य तीन-चार बातें हैं, जो सरकार ने की है। सबसे पहले, एमएसएमई की परिभाषा को बदला गया है, जिसमें प्लांट और मशीनरी के साथ-साथ टर्नओवर की लिमिट को दोगुना कर दिया गया है। एमएसएमई को फंड करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। स्टार्टअप फंडिंग के लिए फंड ऑफ फंड्स का दायरा बढ़ाया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “ओडिशा की बात करें तो, अब तक वहां कोई खास फायदा नहीं हुआ है, लेकिन मैं आशा करता हूं कि ‘डबल इंजन की सरकार’ के कारण ओडिशा में ये सुविधाएं मिल पाएंगी। इस बजट में कृषि को भी बढ़ावा दिया गया है। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि खिलौनों के क्लस्टर की स्थापना की योजना बनाई जा रही है, क्योंकि पहले चीन टॉय मैन्युफैक्चरिंग का हब था, और अब भारत इस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है। ओडिशा में अभी तक कोई टॉय मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं है। अगर यह स्कीम लागू होती है, तो कुछ सालों में यहां भी ऐसी इकाइयां स्थापित हो सकती हैं।”
उन्होंने कहा, “2024 का बजट फ्री इलेक्शन बजट था, जिस पर टिप्पणी करना मुश्किल है, क्योंकि उसके क्रियान्वयन के लिए समय नहीं मिला। इस साल का बजट सरकार के बचे हुए चार सालों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बिहार को इस बजट में विशेष महत्व दिया गया है। हमें उम्मीद है कि ओडिशा को भी कुछ अधिक मिलेगा, क्योंकि यहां भी डबल इंजन की सरकार है।”
उन्होंने कहा, “एमएसएमई क्रेडिट कार्ड छोटे उद्योगों के लिए है, लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा है कि क्रेडिट स्कोर पर यह निर्भर करता है। आगे चलकर पता चलेगा कि यह कितने लोगों के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि ज्यादातर छोटे उद्यमों और महिला स्वयं सहायता समूहों के लोगों का क्रेडिट स्कोर खराब होता है।”
–आईएएनएस
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