तेलंगाना विधानसभा में राज्य के वित्त पर श्‍वेतपत्र पर गरमागरम बहस देखी गई

तेलंगाना विधानसभा में राज्य के वित्त पर श्‍वेतपत्र पर गरमागरम बहस देखी गई

हैदराबाद, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। विधानसभा में तेलंगाना राज्य के वित्त पर कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किए गए श्‍वेतपत्र पर बुधवार को तीखी बहस छिड़ गई, क्योंकि विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने इसे झूठ का पुलिंदा करार दिया, जबकि सत्तापक्ष ने राज्य को दिवालियापन के कगार पर धकेलने के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

राज्य के वित्त पर दिनभर चली बहस में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, जो वित्तमंत्री भी हैं, ने कहा कि राज्य 6.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कुल कर्ज के साथ ऋण संकट का सामना कर रहा है।

मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने वित्त पर श्‍वेतपत्र पेश करने के सरकार के कदम का बचाव करते हुए कहा कि इसका इरादा केवल लोगों के सामने तथ्य रखना है।

बीआरएस विधायक और पूर्व वित्तमंत्री टी. हरीश राव का कड़ा विरोध करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि श्‍वेतपत्र किसी को नीचा दिखाने या अपमानित करने के लिए पेश नहीं किया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि 10 साल तक बीआरएस ने ‘वित्तीय विनाश’ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व और धन की जरूरत के संबंध में विवरण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से लिया गया है।

उन्होंने दावा किया कि जब 2014 में बीआरएस सत्ता में आई थी, तब राज्य के पास आरबीआई के पास साल में 303 दिनों के लिए आरक्षित निधि थी। उन्होंने कहा, हालांकि, अब स्थिति ऐसी है कि राज्य को कर्ज के लिए हर दिन आरबीआई के सामने खड़ा होना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने चुनाव के दौरान लोगों को दी गई छह गारंटियों से बचने के लिए श्‍वेतपत्र पेश नहीं किया है।

रेवंत रेड्डी ने कहा कि उन्होंने केंद्र से मिलने वाले फंड के संबंध में प्रधानमंत्री से मिलने के लिए केंद्रीय मंत्री और राज्य भाजपा अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी से बात की, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर लोगों के लिए काम कर रही है।

–आईएएनएस

एसजीके

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