एसआईआर में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने को तेजस्वी ने बताया गरीबों की जीत


पटना, 9 सितंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मामले में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि आधार कार्ड को मतदाता सूची में शामिल होने के लिए पहचान के प्रमाण के रूप में 12वें दस्तावेज के तौर पर स्वीकार किया जाए। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को गरीब और आम लोगों की बड़ी जीत बताया।

बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “हम शुरू से चाहते थे कि आधार कार्ड को शामिल किया जाए, क्योंकि गरीबों के पास यही सबसे आम दस्तावेज है। सुप्रीम कोर्ट और हमारे वकीलों का धन्यवाद, जिन्होंने वोटरों के हित में यह लड़ाई लड़ी।”

उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी तेजस्वी ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “चुनाव में मजबूती से अपनी बात रखी गई, लेकिन जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य को लेकर हमें संदेह है। धनखड़ वाकई बीमार हैं या उन्हें बीमार दिखाया जा रहा है? सदन को ठीक से चलाने के बाद उनका कोई अता-पता नहीं है। न स्वास्थ्य बुलेटिन जारी हो रहा है, न कोई जानकारी। क्या उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया है ताकि सच्चाई सामने न आए?” उन्होंने इस मामले में पारदर्शिता की मांग की।

माई-बहिन मान योजना को लेकर तेजस्वी ने कहा, “हमारी पार्टी इस योजना के तहत फॉर्म भरवाने का काम जोर-शोर से कर रही है। हम न सिर्फ मां-बहन योजना के लिए फॉर्म भरवा रहे हैं, बल्कि युवाओं के लिए नौकरी के अवसर सुनिश्चित करने के लिए युवा संवाद फॉर्म भी भरवा रहे हैं। सरकार बनने पर हम इसे लागू करेंगे।”

तेजस्वी ने कार्यकर्ताओं से बिना डरे इस अभियान में हिस्सा लेने की अपील की। उन्होंने प्रशासन पर कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने और गिरफ्तार करने का आरोप लगाते हुए कहा, “जब बीजेपी के नेता फॉर्म भरवाते हैं, तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन जब हमारी पार्टी ऐसा करती है, तो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाता है। यह गैरकानूनी है। हम किसी भी अवैध कार्यवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरत पड़ी तो अधिकारियों को कोर्ट तक घसीटेंगे।”

–आईएएनएस

एससीएच/डीएससी


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