पोंगल उपहार किट के लिए तमिलनाडु सरकार ने 248.44 करोड़ रुपये आवंटित किए


चेन्नई, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु सरकार ने आगामी पोंगल पर्व के अवसर पर वितरित की जाने वाली पोंगल उपहार किट के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री की खरीद हेतु 248.44 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस योजना का लाभ राज्य के लगभग 2.22 करोड़ चावल राशन कार्ड धारकों को मिलेगा, जिससे त्योहार के दौरान परिवारों को राहत प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई गई है।

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा बुधवार को जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, इस राशि का उपयोग कच्चे चावल, चीनी और पूर्ण आकार के गन्ने की खरीद के लिए किया जाएगा, जो पारंपरिक पोंगल उपहार किट के मुख्य घटक होते हैं।

कुल आवंटन में से 164 करोड़ रुपये चावल और चीनी की खरीद के लिए तथा 84.70 करोड़ रुपये गन्ने की खरीद के लिए स्वीकृत किए गए हैं। सरकारी आदेश के अनुसार, कच्चा चावल 25 रुपये प्रति किलोग्राम और चीनी 48.54 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदी जाएगी।

प्रत्येक राशन कार्ड धारक को 38 रुपये मूल्य का एक पूर्ण आकार का गन्ना दिया जाएगा, ताकि राज्यभर में वितरण में एकरूपता बनी रहे और हाल के वर्षों की परंपरा कायम रहे।

अधिकारियों के अनुसार, पोंगल से पहले समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए खरीद और आपूर्ति की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा रहा है। खाद्य एवं सहकारिता विभाग ने संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया है कि सभी खरीद और लॉजिस्टिक व्यवस्थाएं समय रहते पूरी कर ली जाएं, ताकि अंतिम समय में किसी तरह की देरी न हो।

हालांकि, उपहार किट के खाद्य घटकों को अंतिम रूप दे दिया गया है, लेकिन इसके साथ दी जाने वाली नकद राशि को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। पिछले वर्षों में राज्य सरकार ने खाद्य सामग्री के साथ नकद प्रोत्साहन भी दिया था, जिसे लाभार्थियों ने खूब सराहा था।

अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष दी जाने वाली नकद राशि को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय और वित्त विभाग के बीच विचार-विमर्श जारी है। वित्तीय मंजूरी मिलने के बाद नकद घटक पर औपचारिक घोषणा जल्द किए जाने की संभावना है।

करीब 2.22 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाने वाली पोंगल उपहार योजना राज्य की सबसे बड़ी कल्याणकारी योजनाओं में से एक बनी हुई है, जिसका उद्देश्य त्योहार के दौरान घरेलू खर्चों को कम करना और सामाजिक कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करना है।

–आईएएनएस

डीएससी


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