स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं मेरे जीवन दृष्टिकोण का आधार हैं : पीएम मोदी


नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जीवन यात्रा और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के उन पर पड़े गहन प्रभाव के बारे में बात की।

पीएम मोदी ने बताया कि स्वामी विवेकानंद के निःस्वार्थ सेवा के दर्शन ने किस तरह उनके मूल्यों को गहराई से आकार दिया, और उनके विश्वासों और नेतृत्व के दृष्टिकोण पर एक स्थायी छाप छोड़ी।

विवेकानंद द्वारा प्रतिपादित निःस्वार्थता और सेवा के सिद्धांत पीएम मोदी के जीवन, शासन और नेतृत्व के दर्शन के दृष्टिकोण की आधारशिला बन गए।

पीएम मोदी ने पॉडकास्टर को बताया कि एक युवावस्था में वह अक्सर अपने गांव के पुस्तकालय में जाते थे, जहां विवेकानंद के निःस्वार्थ सेवा के दर्शन ने उन पर एक अमिट छाप छोड़ी।

पीएम मोदी ने एक कहानी सुनाई जिसमें विवेकानंद ने अपनी बीमार मां के लिए ईश्वर से मदद मांगी, और तभी उन्हें एहसास हुआ कि मानवता की सेवा करना भक्ति का सर्वोच्च रूप है।

पीएम मोदी ने साझा किया कि यह सबक उनके जीवन और नेतृत्व के दृष्टिकोण का हमेशा मार्गदर्शन करता है।

लेक्स फ्रिडमैन, जिन्हें एलेक्सी एलेक्ज़ेंड्रोविच फ्रिडमैन के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक और पॉडकास्टर हैं। साल 2018 से, उन्होंने लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट की मेजबानी की है, एक ऐसा मंच जहां वे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, खेल और राजनीति सहित विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों के साथ व्यावहारिक बातचीत करते हैं।

पीएम मोदी के जीवन में एक और महत्वपूर्ण व्यक्ति स्वामी आत्मस्थानंद थे, जिनसे उनकी मुलाकात रामकृष्ण परमहंस आश्रम में रहने के दौरान हुई थी। संत के ज्ञान और स्नेह ने पीएम मोदी को गहराई से प्रभावित किया, जिससे वे समाज कल्याण के लिए समर्पित जीवन जीने लगे।

आत्मस्थानंद के मार्गदर्शन ने पीएम मोदी के इस विश्वास को पुख्ता किया कि उनका असली उद्देश्य लोगों की सेवा करना है।

पॉडकास्ट के दौरान, फ्रिडमैन ने गायत्री मंत्र का पाठ किया और इसके उच्चारण पर पीएम मोदी से मार्गदर्शन मांगा।

पीएम मोदी ने न केवल उन्हें सही किया बल्कि मंत्र के गहन महत्व को भी समझाया, “सूर्य उपासना” में इसकी जड़ों और आध्यात्मिक और वैज्ञानिक सार के मिश्रण पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे प्राचीन भारतीय परंपराएं आध्यात्मिकता को विज्ञान के साथ सहजता से एकीकृत करती हैं, जो मानवता को कालातीत ज्ञान प्रदान करती हैं।

–आईएएनएस

एससीएच/एकेजे


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