निलंबित तृणमूल नेता हुमायूं कबीर का यूटर्न, बोले- भरतपुर से विधायक बने रहेंगे

कोलकाता, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस से निलंबित नेता हुमायूं कबीर ने अपने बयान से यूटर्न ले लिया है। उन्होंने रविवार को कहा कि वह विधायक पद से इस्तीफा नहीं देंगे। कबीर की यह घोषणा उनके उस बयान के कुछ ही दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह 8 दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे।
भरतपुर से विधायक हुमायूं कबीर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने घोषणा की थी कि मैं इस्तीफा दे दूंगा। हालांकि, जिन लोगों ने यूसुफ पठान को मुर्शिदाबाद के बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में वोट दिया था, वे उन्हें ढूंढ नहीं पा रहे हैं, क्योंकि वे यहां कभी दिखाई नहीं देते। कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने होते हैं, इसलिए लोग मुझसे कह रहे हैं कि मुझे इस्तीफा नहीं देना चाहिए।
उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे उनके कल्याण के लिए काम करने के लिए चुना गया है। अगर मैं उनके लिए काम करूंगा तो वे मुझे फिर से वोट देंगे, इसलिए मैं भरतपुर के लोगों के लिए इस्तीफा नहीं दूंगा।
मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में एक मस्जिद की आधारशिला रखने के एक दिन बाद तृणमूल नेता का यह यूटर्न सामने आया। इस कदम के परिणामस्वरूप, उन्हें तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था।
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने शनिवार को स्पष्ट किया कि कबीर को मस्जिद बनाने की इच्छा के कारण नहीं, बल्कि एक धार्मिक आयोजन के नाम पर कथित तौर पर धार्मिक कट्टरता फैलाने की कोशिश करने के लिए निलंबित किया गया था।
हुमायूं कबीर ने 4 दिसंबर को कहा था कि वह 8 दिसंबर तक विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे और 22 दिसंबर को अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करेंगे।
पश्चिम बंगाल के नगर विकास मंत्री और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के महापौर फिरहाद हकीम द्वारा कबीर को पार्टी से निलंबित किए जाने की आधिकारिक घोषणा के तुरंत बाद कबीर ने कहा कि मैं शुक्रवार या सोमवार को भरतपुर के विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा। इसके बाद मैं 22 दिसंबर को अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करूंगा। मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखने के लिए 6 दिसंबर को मेरा कार्यक्रम यथावत रहेगा।
पूर्व में, कबीर को तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व द्वारा कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों और नेतृत्व के लिए शर्मिंदगी पैदा करने वाली सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए कई बार चेतावनी दी गई थी। अब आखिरकार गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस ने औपचारिक और स्पष्ट रूप से पार्टी से उनके निलंबन की घोषणा की।
–आईएएनएस
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