नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने स्विस वित्तीय सेवाओं की दिग्गज कंपनी ‘क्रेडिट सुइस’ के साथ बकाया देनदारी संबंधी विवाद दूर करने के मामले में सस्ती हवाई सेवाएं मुहैया कराने के लिए मशहूर ‘स्पाइसजेट’ एयरलाइंस को तीन सप्ताह की मोहलत शुक्रवार को दी।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने स्पाइसजेट की ओर से तीन सप्ताह में विवाद दूर करने के आश्वासन के बाद उसे यह दी।
मुख्य न्यायाधीश ने स्पाइसजेट पर कई सख्त टिप्पणियों के साथ उसके खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी, जिसमें स्पाइसजेट को अपना कामकाज समेटने का निर्देश दिया गया था।
‘क्रेडिट सुइस’ और स्पाइसजेट के बीच रखरखाव शुल्क की बकाया राशि को लेकर विवाद चल रहा है।
न्यायमूर्ति रमना ने मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को फरवरी के मध्य तक स्थगित करते हुए कहा, “ हम तीन सप्ताह के लिए रुक रहे हैं। याचिकाकर्ता स्पाइसजेट के पास अब 21 दिनों का समय है।”
स्पाइसजेट का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा, “ यह एक गंभीर मामला है, अगर वे (स्पाइसजेट) एयरलाइंस नहीं चलाना चाहती है तो हम उसे दिवालिया घोषित करेंगे और परिसमापन के लिए जाएंगे। आगे देखते हैं।”
मद्रास उच्च न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में ‘क्रेडिट सुइस’ की याचिका के खिलाफ दायर स्पाइसजेट की अपील को खारिज कर दिया था। इसके बाद स्पाइसजेट ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
स्पाइसजेट का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने पीठ को भरोसा दिलाया कि एयरलाइन कंपनी तीन सप्ताह में ‘क्रेडिट सुइस’ के साथ वित्तीय मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करेगी।
मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान श्री साल्वे से पूछा, “ आप कंपनी चलाना या बंद करना चाहते हैं? बेहतर है कि आप अपनी वित्तीय स्थिति क्यों न पेश करें? इस तरह से आप अपनी एयरलाइंस नहीं चला सकते। आपका योगदान क्या है?”