नवजोत सिंह सिद्धू के बयान पर सुनील जाखड़ का तंज, 'मुख्यमंत्री पद मांगने से नहीं मिलता'


चंडीगढ़, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब मुख्यमंत्री पद को लेकर दिए गए बयान के बाद सियासत गरमा गई है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री पद मांगने से नहीं मिलता है, बल्कि लोग जीताकर देते हैं।

सुनील जाखड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “ये कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बयान हैं, जिन पर मैं ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता हूं, जो खुद मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। कैप्टन साहब को हटाने के बाद उनकी टिप्पणियां एक राष्ट्रीय पार्टी और राज्य में विपक्षी पार्टी की मौजूदा स्थिति को दिखाती हैं, इसीलिए इस पर नहीं बोलना चाहिए। जनता का कांग्रेस के ऊपर से विश्वास उठ गया है।”

बता दें कि पिछले दिनों नवजोत सिंह सिद्धू के सक्रिय राजनीति में वापसी को लेकर उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कहा था कि अगर कांग्रेस हाईकमान सिद्धू को पंजाब का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करती है तो वह दोबारा सक्रिय राजनीति में उतरेंगे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा, “पंजाब पुलिस देश की सबसे अच्छी पुलिस में से एक है। यह पंजाब पुलिस ही थी जिसने राज्य में आतंकवाद को खत्म किया, जब कोई दूसरी फोर्स ऐसा नहीं कर पाई। पंजाब में कई वरिष्ठ अधिकारी हैं जो काबिल, सक्षम, ईमानदार और सीधे हैं और आज भी उनका सम्मान किया जाता है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सहित पंजाब के नेताओं ने कंट्रोल आउटसोर्स कर दिया है। अरविंद केजरीवाल आज पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं और यहां का सिस्टम तय करता है कि किसे कहां पोस्टिंग मिलेगी।

सुनील जाखड़ ने कहा कि ‘काली भेड़ें’ हर जगह होती हैं, और उनकी समस्या तब पैदा होती है जब वे हावी हो जाती हैं, जब उनकी आवाज सुनी जाने लगती है, और जब उनकी राय को जरूरत से ज्यादा अहमियत दी जाती है। पार्टी लीडरशिप का काम गाइड करना होता है, लेकिन जब ये स्वार्थी लोग कंट्रोल हासिल कर लेते हैं, चाहे राजनीतिक मामलों में हो या प्रशासनिक सिस्टम में, तो वे संस्था का फायदा उठाते हैं और संगठन को खतरे में डालते हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब में सबसे बड़ी चिंता पुलिस के अंदर है। कुछ अधिकारी उन ‘काली भेड़ों’ का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनका मैं जिक्र कर रहा हूं। यह समस्या सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है, यह प्रशासन में भी मौजूद है।

–आईएएनएस

एसएके/डीकेपी


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