अजीत डोभाल से मिले सुलिवन, दोनों देशों ने उद्योग और शिक्षा जगत पर दिया जोर

अजीत डोभाल से मिले सुलिवन, दोनों देशों ने उद्योग और शिक्षा जगत पर दिया जोर

अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन भारत के दो दिन के दौरे पर हैं। नई दिल्ली में अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन और भारत के एनएसए अजित डोभाल की अध्यक्षता में क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलोजी (आईसीईटी) पर गठित समिति की हुई बैठक में दोनों देशों के बीच कई अहम फैसलों पर बातचीत हुई। जेक सुलविन का भारत आना मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में बाइडन प्रशासन के किसी बड़े अधिकारी की यह पहली यात्रा है।

इस बैठक में भारत और अमेरिका ने सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), महत्वपूर्ण खनिज, उन्नत दूरसंचार और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने का वादा किया। दोनों देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन के बीच वार्ता के दौरान लंबे समय से चली आ रही बाधाओं को दूर करने का वादा करते हुए सहयोग को करने वाले परिवर्तनकारी पहल की घोषणा की।

दोनों देशों ने कई योजनाओं पर जताई सहमति 

व्हाइट हाउस ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बैठक में दोनों देशों ने भारत के 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन खरीद की योजना, सेना के लिए लड़ाकू वाहनों के संयुक्त निर्माण और जीई एयरोस्पेस व हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच लड़ाकू विमानों के इंजन (जीई एफ414) के उत्पादन को लेकर चल रही बातचीत की भी समीक्षा की।

कई अहम मुद्दों पर लिया गया संयुक्त निर्णय 

बैठक को लेकर व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा कि बैठक में, डोभाल और सुलिवन ने भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी के अगले अध्याय के लिए दृष्टिकोण निर्धारित किया। बातचीत में उठे अन्य बड़े मुद्दों में प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करने वाले ग्लोबल चैलेंज इंस्टीट्यूट के लिए 9 करोड़ डॉलर (751.67 करोड़ रुपये) की फंडिंग, 6जी प्रौद्योगिकियों में सहयोग को मजबूत करने की पहल और भारत और अमेरिका में बड़े पैमाने पर ओपन आरएएन की तैनाती की दिशा में संयुक्त कार्य शामिल हैं।

NASA और ISRO के बीच गहरे सहयोग पर बनी बात

दोनों पक्ष ने अमेरिकी अंतरिक्ष बल और भारतीय स्टार्टअप्स, 114ai और 3rdiTech के बीच एक नई साझेदारी की शुरुआत, जिसमें अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता, डेटा फ़्यूजन तकनीक और इन्फ्रा-रेड सेंसर सेमीकंडक्टर विनिर्माण को आगे बढ़ाना पर भी जोर दिया। इसके अलावा, नासा (राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन) और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के बीच गहरे सहयोग पर भी सहमत हुए।

वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए जताई सहमति

दोनों देश नासा के जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र में इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों को उन्नत प्रशिक्षण देने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने 21वीं सदी के लिए स्वच्छ ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज साझेदारी बनाने का भी संकल्प लिया। इसके अलावा, अमेरिका और भारत जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की बात को दोहराया। 

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