महाकुंभ को 'मृत्यु कुंभ' कहना हिंदू धर्म की प्रतिष्ठित परंपरा का अपमान : सुकांत मजूमदार


कोलकाता, 18 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश में आयोजित महाकुंभ को “मृत्यु कुंभ” की संज्ञा दी है। ऐसे में अब उनके इस बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी के इस बयान को हिंदू जनमानस का अपमान करार दिया है। उन्होंने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि पवित्र महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहना हिंदू धर्म की सबसे प्रतिष्ठित परंपरा का अपमान है। यह तुष्टिकरण की राजनीति का एक स्पष्ट प्रयास है। वह खुले तौर पर दूसरों का पक्ष लेते हुए हिंदू त्योहारों को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़तीं।

भाजपा नेता ने कहा, “मैं ममता बनर्जी को महाकुंभ में जाने और स्नान करने वाले 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के लिए की गई भव्य व्यवस्था को देखने की चुनौती देता हूं। यदि वह वास्तव में समानता में विश्वास करती हैं, तो उन्हें महाकुंभ जाना चाहिए, जैसे वह हर साल ईद की नमाज में शामिल होती हैं।”

भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि ममता बनर्जी हिंदू परंपरा के बारे में कुछ नहीं जानतीं। वह महाकुंभ के बारे में भी कुछ नहीं जानतीं। आज वह खुद को ब्राह्मण साबित करने की कोशिश कर रही हैं। इस बात पर कोई यकीन नहीं कर सकता कि ममता बनर्जी ब्राह्मण हैं क्योंकि उन्हें मुसलमानों और जिहादियों की नेता के रूप में जाना जाता है।

तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने महाकुंभ में भगदड़ की घटनाओं का हवाला देते हुए महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ करार दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस धार्मिक आयोजन में वीवीआईपी को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि गरीब और सामान्य श्रद्धालु इन सुविधाओं से वंचित हैं।

जैसे-जैसे महाकुंभ अंतिम चरण में प्रवेश कर रहा है, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। लोग स्नान करने के लिए संगम के पवित्र तट पर उमड़ रहे हैं।

–आईएएनएस

एकेएस/एकेजे


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