मुंबई, 30 जनवरी (आईएएनएस) । निर्देशक सुभाष घई सेहतमंद हो काम पर लौट आए हैं। पिता के इस फैसले से उनकी दोनों बेटियां बेहद खुश हैं। उन्होंने अपने पापा को एक शानदार तोहफा भेंट किया। घई ने सोशल मीडिया पर ‘खलनायक’ के अंदाज में प्रशंसकों को जानकारी दी।
सोशल मीडिया पर एक्टिव सुभाष घई ने अपने पोस्ट के साथ प्रशंसकों को बताया कि बीमारी के बाद काम पर आने के लिए उन्हें बेटियों से “सबसे अच्छा तोहफा मिला।”
घई ने कैप्शन की शुरुआत 1993 में रिलीज हुई अपनी सफल फिल्म ‘खलनायक’ के सुपरहिट अंदाज “जी हां, मैं हूं डायरेक्टर” (जी हां, मैं हूं खलनायक) से की।
उन्होंने लिखा, “जी हां, मैं हूं डायरेक्टर, एक महीने तक निमोनिया की बीमारी से जूझने के बाद काम पर वापस लौटने के बाद मेरी दोनों बेटियों मेघना और मुस्कान से मुझे सबसे अच्छा तोहफा मिला।“
घई ने बताया कि उनकी बेटियां उन्हें हमेशा काम करते देखना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने दोनों का आभार भी जताया। उन्होंने आगे लिखा, “वे हमेशा मुझे स्क्रिप्ट पर कड़ी मेहनत करते देखना पसंद करती हैं और चाहती हैं कि मैं अब बेहतरीन फिल्में बनाऊं और मैं हमेशा उनकी प्रेरणा के लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं। धन्यवाद बच्चों, मैं इसी के लिए काम करता हूं।“
वहीं, शेयर की गई तस्वीर में सुभाष घई एक काले रंग की टी-शर्ट पहने नजर आए, जिस पर “जिंदगी एक फिल्म है और मैं डायरेक्टर हूं” लिखा है।
सोशल मीडिया पर एक्टिव घई ने इससे पहले महाकुंभ पर बनी डॉक्यूमेंट्री को हाल ही में जारी करते हुए बताया था कि डॉक्यूमेंट्री ‘कुंभ: द पावर बैंक’ साइंस और माइथोलॉजी को एक साथ लाती है।
कुंभ पर बनी सुभाष घई की डॉक्यूमेंट्री हिंदू धर्म में आध्यात्मिकता को लेकर गहरी खोज करती है। डॉक्यूमेंट्री विज्ञान के साथ प्राचीन परंपरा के महत्व पर प्रकाश डालती है। सद्गुरु का ज्ञान और सुभाष घई की सिनेमाई प्रतिभा के साथ यह डॉक्यूमेंट्री दर्शकों को दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक सफर पर ले जाती है। घई ने महाकुंभ को आस्तिक और नास्तिक दोनों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण बताया और कहा कि उनकी डॉक्यूमेंट्री पौराणिक कथाओं के प्राचीन ज्ञान को विज्ञान के तर्क से जोड़ती है।
बता दें, सुभाष घई कुछ दिन पहले मुंबई के बांद्रा इलाके में लीलावती अस्पताल में भर्ती थे। हेल्थ अपडेट देते हुए उन्होंने एक बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, “अब सब ठीक है।”
–आईएएनएस
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