नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। हिंसा में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हुए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बांग्लादेशी सेना को बुलाया गया है और कर्फ्यू लगा दिया गया है।
खराब हालात की वजह से बड़ी संख्या में भारतीय छात्र बांग्लादेश से वापस लौट रहे हैं। हाल ही में, कूचबिहार के मेखलीगंज बॉर्डर से 33 छात्र बांग्लादेश से भारत आए हैं। ये छात्र रंगपुर मेडिकल कॉलेज के हैं। इनमें से छह भारतीय, 18 भूटान और 9 नेपाल के रहने वाले हैं। इसके अलावा, सिलीगुड़ी के फुलबाड़ी बॉर्डर से भी छह छात्र भारत लौटे हैं। बांग्लादेश की शिक्षण संस्थाएं बंद होने के कारण छात्रों ने अस्थायी तौर पर देश लौटने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, वे बांग्लादेश वापस नहीं जाएंगे।
बांग्लादेश में वेटरनरी की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने बताया कि हमारी यूनिवर्सिटी में सब सामान्य है, लेकिन दूसरी जगह जहां विरोध प्रदर्शन हो रहा है, वहां हालात ठीक नहीं है। अब कर्फ्यू भी लगा दिया गया है, और इंटरनेट भी बंद है। हमारी यूनिवर्सिटी की ओर से हमें सुरक्षा देने की बात कही गई थी। लेकिन मौजूदा स्थिति में वहां रहने के जोखिम को देखते हुए हम लोग वापस आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि रास्ते में आने-जाने में विशेष दिक्कत नहीं हुई। हालांकि कुछ लोकल लोगों ने रास्ता रोका हुआ था, हमारे पास कुछ पैसे थे, जो हमने उनको दे दिए। हम लोग हाईवे से नहीं आए हैं, बाईपास या शॉर्टकट जैसे रास्तों को आने के लिए चुना।
ढाका में भारतीय उच्चायोग और चटगांव, राजशाही, सिलहट और खुलना में स्थित भारतीय सहायक उच्चायोग बांग्लादेश में हुई घटनाओं के बाद वहां से भारतीय नागरिकों की वापसी में मदद कर रहे हैं। 778 भारतीय छात्र विभिन्न लैंड पोर्ट्स के माध्यम से भारत लौट आए, जबकि लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव एयरपोर्ट से नियमित उड़ान सेवाओं के माध्यम से घर लौटे हैं।
भारतीय उच्चायोग और सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश के नागरिक उड्डयन अधिकारियों और वाणिज्यिक एयरलाइनों के साथ भी समन्वय कर रहा है, ताकि ढाका और चटगांव से भारत के लिए निर्बाध उड़ान सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें।
विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि ढाका और बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में भारतीय उच्चायोग और सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगे और इसके लिए इमरजेंसी नंबर भी जारी किए गए हैं।
–आईएएनएस
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