मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले रैलियां शुरू करने जा रहे हैं। पहले तीन दिन की रैलियों का कार्यक्रम तय हो गया है। 13 मार्च को रैली की शुरुआत उन्नाव से होगी।
मुख्यमंत्री योगी ने चुनाव से जुड़ी तैयारियों के बीच जिले-जिले जाकर विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। उद्घाटन-शिलान्यास का सिलसिला चुनाव कार्यक्रमों के एलान तक जारी रहने की संभावना है। सीएम ने इस अभियान के जरिए जनता के बीच जाकर विकास के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का एहसास कराया और विपक्षी दलों के सवालों के जवाब भी दिए। अब जबकि चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा किसी भी दिन होने की अटकलें हैं, उससे पहले योगी की रैलियों का कार्यक्रम तैयार है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री 13 मार्च से रैलियों की शुरुआत करेंगे। प्रतिदिन तीन-तीन जनसभाएं करने की योजना है। पहले दिन उन्नाव, फर्रुखाबाद व बरेली में जनसभाएं करेंगे। 14 को अंबेडकरनगर, अयोध्या व गोंडा में रैली प्रस्तावित है। वहीं 15 को बलरामपुर, सिद्धार्थनगर व गोरखपुर में रैलियों की योजना बनाई गई है।
…तो क्या लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं शिवपाल
लखनऊ। सपा महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव का बदायूं से लोकसभा टिकट घोषित हुए 21 दिन हाे चुके हैं, लेकिन अभी तक वह जिले में नहीं गए। उनके बेटे आदित्य यादव का 11 मार्च को बदायूं जाने का कार्यक्रम घोषित किया गया, पर वह भी नहीं पहुंचे। सूत्र बताते हैं कि शिवपाल यादव लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। वह खुद के बजाय अपने बेटे आदित्य का राजनीति में समायोजन चाहते हैं।
सपा ने अपनी पहली सूची में बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया था। पर,20 फरवरी को आई तीसरी सूची में शिवपाल को वहां से प्रत्याशी बना दिया गया। जानकार कहते हैं कि धर्मेंद्र यादव का टिकट काटकर उन्हें लड़ाने के फैसले से शिवपाल खुश नहीं हैं। उनके करीबी बताते हैं कि वह राष्ट्रीय राजनीति के बजाय जसवंतनगर और यूपी की राजनीति में सक्रिय रहना ज्यादा मुफीद मान रहे हैं।
वे वर्तमान में जसवंतनगर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि बदायूं से भाजपा के टिकट घोषित होने का भी इंतजार किया जा रहा है, ताकि अगली रणनीति का खुलासा किया जा सके। उधर इस बारे में शिवपाल यादव से बातचीत करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो सकी।