गोरखपुर में पुलिस के साथ ही अब स्वास्थ्य महकमा भी सख्त हो गया है। 40 नए आवेदनों की फिर से जांच कराई जाएगी। सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखा जाएग।
गोरखपुर में मरीज-माफिया नेटवर्क को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी कार्रवाई तेज कर दी है। अवैध तरीके से संचालित अस्पतालों पर छापा मारने और केस दर्ज कराने का निर्देश एडिशनल सीएमओ को मिला है। इसके लिए पूरे जिले से बिना मान्यता के संचालित अस्पतालों की सूची जुटाई जा रही है।
इधर, 40 नर्सिंग होम व क्लीनिक खोलने और नवीनीकरण के लिए इसी महीने नए आवेदन भी आए हैं, उनका भी सत्यापन कराया जाएगा।
ईशु अस्पताल का मामला सामने आने के बाद से पुलिस ने सख्ती दिखाई तो कई अन्य अवैध अस्पतालों का भी सच सामने आया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अलग-अलग क्षेत्रों में कार्रवाई कर चार अवैध नर्सिंग होम व दो अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर सील किए।
जांच के बाद 45 अस्पताल व नर्सिंग होम का पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग ने निरस्त कर दिया है। सीएमओ ने सभी सीएचसी-पीएचसी प्रभारियों को निर्देशित किया है, कि अपने क्षेत्र में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथालॉजी व एक्सरे सेंटर के बारे में जानकारी एकत्रित कर लें। अगर कोई अवैध तरीके से अस्पताल संचालित कर रहा है, तो उसकी सूचना दें।
सीएमओ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि अवैध अस्पतालों पर रोक लगाने के लिए सभी सीएचसी-पीएचसी प्रभारियों को भी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा जिला स्तर से भी एक टीम गोपनीय सूचना के आधार पर छापा मार रही है।
जहां, अवैध अस्पताल संचालित होते पाया जाएगा, वहीं के थाना क्षेत्र में एफआईआर भी कराई जाएगी। जिन अस्पतालों ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है, उनका सत्यापन होगा।