उत्तरी इज़रायल पर रॉकेट हमले के बाद लेबनान सीमा पर तनाव बढ़ा


बेरूत/यरूशलम, 22 मार्च (आईएएनएस)। इज़रायल ने शनिवार को दक्षिणी लेबनान पर हवाई हमले किए। इसके बाद उत्तरी इज़रायल में रॉकेट दागे जाने के कारण सीमा पर तनाव बढ़ गया। सरकारी समाचार एजेंसी (एनएनए) ने बताया कि ये हमले लेबनान के टॉलिन, केफ़र मेल्की, म्लेता और वादी अल-हुजेर घाटी के पास स्थित गांवों में हुए।

रिपोर्ट के अनुसार, हमले में टॉलिन में एक आवासीय इमारत नष्ट हो गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए।

इससे पहले इजरायली सेना ने कहा था कि उसने लेबनान से उत्तरी इज़रायल के मेटुला शहर की ओर दागे गए रॉकेट को रोक लिया था। इजरायल की आपातकालीन सेवाओं के अनुसार, इस हमले में इजरायल में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली।

समाचार एजेंसी श‍िन्‍हुआ के अनुसार, लेबनान की सेना ने बताया कि उसके सैनिकों ने बाद में लिटानी नदी के उत्तर में नबातिह क्षेत्र में तीन रॉकेट लांचर खोजे और उन्हें नष्ट कर दिया। सेना ने यह भी कहा, “सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए” दक्षिणी लेबनान में सैन्य इकाइयां तैनात की गई हैं।

यह घटना इजरायल और लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम के बावजूद हुई। यह युद्धविराम 27 नवंबर, 2023 से प्रभावी हुआ था और इसने गाजा संघर्ष से जुड़ी शत्रुता को समाप्त किया था। हालांकि, विवादित लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी को लेकर मतभेद अब भी बने हुए हैं, और लेबनानी अधिकारियों का कहना है कि इजरायली सेना 18 फरवरी की समय सीमा के बाद भी पांच सीमा चौकियों पर कब्ज़ा जमाए हुए है।

इजरायली सेना ने हवाई हमलों के बाद एक बयान जारी करते हुए कहा, “हमने हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे पर हमला किया, जो नागरिक क्षेत्रों से काम करता है और यह ईरान समर्थित समूह है।” इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने इस हमले का “कड़ा जवाब” देने की कसम खाई और कैट्ज ने जोर देते हुए कहा, “लेबनान की सरकार अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले सभी आक्रमणों के लिए जिम्मेदार है।”

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफीएल) ने संयम बरतने का आह्वान किया और चेतावनी दी कि आगे की कार्रवाई से कूटनीतिक लाभ कम हो सकता है। शनिवार को रॉकेट दागे जाने की यह घटना दिसंबर की शुरुआत के बाद से लेबनान की ओर से पहली ऐसी घटना थी। इजरायल और हिजबुल्लाह दोनों ने युद्ध विराम के उल्लंघन के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया है, और यह युद्ध विराम तकनीकी रूप से बरकरार है, लेकिन छिटपुट झड़पों और अनसुलझे सीमा विवादों के कारण तनावपूर्ण बना हुआ है।

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी


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