आत्मरक्षा क्षमता को मजबूत करना एक देश का अधिकार : उत्तरी कोरिया का अमेरिका को जवाब

सोल, 15 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया ने शनिवार को फिर कहा कि वह दक्षिण कोरिया और अमेरिका के ‘उकसाने वाले प्रयासों’ को रोकने के लिए अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को मजबूत करना जारी रखेगा। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से योनहाप समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी कि प्योंगयांग के रक्षा नीति प्रमुख के एक प्रेस बयान में कहा गया, “प्रतिद्वंद्वियों के लगातार बढ़ते विभिन्न उत्तेजक प्रयासों को रोकने और राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि डीपीआरके अपनी आत्मरक्षात्मक क्षमताओं को मजबूत करे।”
डीपीआरके उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया का संक्षिप्त रूप है।
उत्तर कोरिया की यह प्रतिक्रिया अमेरिकी उत्तरी कमान के कमांडर जनरल ग्रेगरी गुइलोट के बयान के बाद आई।
गुइलोट ने अमेरिकी सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष दिए गए बयान में कहा था कि उत्तर कोरिया की नवीनतम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) अमेरिकी मुख्य भूमि के लिए सीधा खतरा पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्योंगयांग नए आईसीबीएम के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
प्योंगयांग के रक्षा अधिकारी ने अमेरिकी जनरल की टिप्पणी की आलोचना की। उन्होंने अमेरिका पर उत्तर कोरिया के खिलाफ झूठे आरोप मढ़ने का आरोप लगाया।
उत्तर कोरियाई अधिकारी ने कहा, “अमेरिका द्वारा इसे ‘खतरा’ बताना केवल यह साबित करता है कि वह डीपीआरके के प्रति शत्रुतापूर्ण है।” उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी ‘साहसिक सैन्य महत्वाकांक्षाओं’ को उचित ठहराने का प्रयास कर रहा है।
अधिकारी ने कहा, “आत्मरक्षा क्षमता को लगातार विकसित करना एक संप्रभु देश का अधिकार है।”
–आईएएनएस
एमके/