गुजरात में सुशासन से स्टार्टअप्स को मिली नई ऊंचाई : एसएसआईपी 2.0 और आई-हब बने गेम चेंजर


गांधीनगर, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दृढ़तापूर्वक मानते हैं कि नवीन विचारों, टेक्नोलॉजी आधारित सॉल्यूशन्स तथा युवा उद्यमियों की शक्ति देश के सर्वांगीण विकास का आधार हैं और ‘विकसित भारत 2047’ के निर्माण में स्टार्टअप तथा इनोवेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस बात को आत्मसात करते हुए राज्य में स्टार्टअप को व्यापक प्रोत्साहन दिया है और राज्य में स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी 2.0 (एसएसआईपी 2.0) जैसी पहल के जरिए उद्यमिता क्षेत्र में सुशासन का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। आज गुजरात उद्यमिता के केंद्र के रूप में उभरा है और लगातार चौथी बार स्टार्टअप रैंकिंग में अग्रसर बना है। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार के स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम में गुजरात देश में बेस्ट परफॉर्मर स्टेट है और राज्य में अनुमानित 16,700 स्टार्टअप कार्यरत हैं।

गुजरात में उद्यमिता को प्रोत्साहन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ”युवा अपना बिजनेस शुरू करें और अन्य लोगों के लिए रोजगार का माध्यम बनें, यह क्षमता स्टार्टअप में है। गुजरात ने एक इकोसिस्टम बनाया है, जिसमें वी-स्टार्ट तथा एसएसआईपी जैसे कार्यक्रम महिला उद्यमियों को सशक्त बनाते हैं।”

युवाओं को इनोवेशन के लिए सक्षम आधार उपलब्ध हो, इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पांच वर्ष (2022-2027) के लिए स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी (एसएसआईपी 2.0) घोषित की है। इस पॉलिसी के तहत विद्यालय स्तर से लेकर उच्च शिक्षा स्तर तक के विद्यार्थियों को सृजनशीलता के पंख मिलें, इसके लिए उन्हें उचित मार्गदर्शन, प्रोत्साहन एवं वित्तीय सहायता दी जाती है।

उल्लेखनीय है कि एसएसआईपी 2.0 अंतर्गत कुल पांच वर्ष के लिए 300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसमें प्रति वर्ष 60 करोड़ रुपए का अनुदान आवंटित किया जाता है। इसमें से 30 करोड़ रुपए तकनीकी शिक्षा के लिए, 12 करोड़ रुपए आई-हब के लिए, 10 करोड़ उच्च शिक्षा के लिए और 8 करोड़ रुपए स्कूल के लिए आवंटित किए जाते हैं। एसएसआईपी 2.0 अंतर्गत 5,684 इनोवेशन को राज्य की 339 संस्थाओं के माध्यम से पीओसी/प्रोटोटाइप बनाने और 2,296 आईपीआर फाइल करने के लिए समर्थन दिया गया तथा पीओसी/फंड सपोर्ट अंतर्गत 32.38 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता प्रदान की गई है, तो पिछले 4 वर्ष में 1,543 स्टार्टअप्स को एसएसआईपी 2.0 अंतर्गत राज्य सरकार की सहायता प्राप्त हुई है।

स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी (एसएसआईपी) अंतर्गत गठित गुजरात स्टार्टअप एंड इनोवेशन हब (आई-हब) आज राज्य के इनोवेशन इकोसिस्टम का प्रमुख केंद्र बन गया है। 5 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा आई-हब के नए भव्य कैम्पस का लोकार्पण किया गया था। आई-हब राज्य में इनोवेशन तथा एंटरप्रेन्योरशिप के लिए कार्यरत सबसे बड़ी सुविधा है, जहां सिंगल विंडो सपोर्ट के माध्यम से कानूनी, वित्तीय, तकनीकी एवं योजना संबंधी मार्गदर्शन दिया जाता है। यह सुविधा प्रारंभिक चरण के इनोवेटर्स तथा स्टार्टअप्स को उनके विचारों को सफल उद्योगों के रूप में विकसित करने में सहायता करती है।

आई-हब का नया कैम्पस लगभग 1.5 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में फैला हुआ है, जो एक साथ लगभग 500 स्टार्टअप्स का समावेश कर सकता है। आई-हब द्वारा अब तक 620 स्टार्टअप्स को सीधी सहायता दी गई है और स्टार्टअप सृजन सीड सपोर्ट योजना अंतर्गत 402 स्टार्टअप्स को 23 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता प्रदान की गई है।

आई-हब की सहायता से ‘कीपसेक ऑटोमेशन’ नामक बड़ी कंपनी स्थापित करने वाले मनन बैटरीवाला कहते हैं, ”मैंने अपनी यात्रा की शुरुआत एक फ्रीलांसर के रूप में की थी। उसमें से जब हमने एक कंपनी स्थापित करने का विचार किया, तब आई-हब ने हमें मार्गदर्शन दिया कि कंपनी किस तरह बनाई जाए, उसे आगे किस तरह ले जाया जाए। आई-हब ने कम्प्लायंस या लीगल किसी भी प्रकार की मदद के लिए भी सपोर्ट किया। इसके अतिरिक्त, आई-हब सेंटर की सहायता से हम कंपनी की पहचान स्थापित कर सके और हमने एग्जीबिशन मंच भी प्राप्त किया। आज हमारी कंपनी में 37 लोग काम कर रहे हैं। गुजरात सरकार की ओर से हमें कुल 15 लाख रुपए का अनुदान मिला है। इस सपोर्ट के कारण आज मैं एक सफल उद्यमी बना हूं।”

आई-हब के इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स द्वारा राज्य में लगभग 1,400 कुशल रोजगार का सृजन हुआ है, जबकि इन स्टार्टअप्स की कुल मार्केट वैल्यू लगभग 3,569 करोड़ रुपए तक पहुंची है। आई-हब के जरिए स्टार्टअप्स को विभिन्न वेंचर फंड्स द्वारा 416 करोड़ रुपए से अधिक का निजी फंड उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ, आई-हब ने 20 से अधिक जिलों में हब-एंड-स्पोक मॉडल द्वारा पहुंच बढ़ाई है और 4 लाख से अधिक युवाओं को स्टार्टअप तथा इनोवेशन के विषय में जागृत किया है।

स्टार्टअप क्षेत्र में महिलाओं के समावेश के लिए शुरू की गई वी-स्टार्ट पहल के तहत 196 महिला संचालित स्टार्टअप्स को सहायता दी गई है, जो कुल सपोर्टेड स्टार्टअप्स का लगभग 30 प्रतिशत है। राज्य में स्टार्टअप तथा इनोवेशन क्षेत्र को अधिक मजबूत बनाने के लिए अहमदाबाद में कार्यरत आई-हब के बाद अब आगामी एक वर्ष में वडोदरा, सूरत, राजकोट तथा मेहसाणा में चार नए सेंटर शुरू किए जाएंगे। स्टार्टअप का यह मजबूत इकोसिस्टम ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ के विजन में भी उल्लेखनीय योगदान देगा।

–आईएएनएस

एसके/एबीएम


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