स्टालिन ने पीएम मोदी की तमिलनाडु यात्रा से पहले किसानों से जुड़े तीन अहम मुद्दे उठाए

चेन्नई, 18 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 19 नवंबर को कोयंबटूर यात्रा से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार के सामने किसानों से जुड़ी तीन “जरूरी मांगें” रखी हैं। ये मांगें मौजूदा खरीफ खरीद सीजन में राज्य के किसानों को हो रही समस्याओं से संबंधित हैं।
राज्य सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और उसके विवरण सोशल मीडिया पर भी साझा किए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य में “रिकॉर्ड फसल उत्पादन” हुआ है और उत्तर-पूर्वी मानसून के चलते खरीद गतिविधियां और तेज हो गई हैं। ऐसे में किसानों के हित में त्वरित निर्णय की आवश्यकता है।
तमिलनाडु ने खरीफ सीजन के लिए केंद्र से धान खरीद लक्ष्य 16 लाख मीट्रिक टन (एमटी) से बढ़ाकर 20 लाख एमटी करने की मांग की है। हालांकि, केंद्र ने अभी तक 16 लाख एमटी की सीमा ही तय रखी है। राज्य के अनुसार 16 नवंबर 2025 तक 14.11 लाख एमटी धान का उत्पादन दर्ज किया गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 4.81 लाख एमटी की तुलना में काफी अधिक है। टीएनसीएससी अब तक 1.86 लाख किसानों से 14.11 लाख एमटी धान खरीद चुकी है और 3,559 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
स्टालिन ने केंद्र से आग्रह किया है कि धान में नमी की स्वीकार्य सीमा 17% से बढ़ाकर 22% की जाए। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान कटाई होने से अधिक नमी वाला धान आ रहा है, और मौजूदा मानक के कारण बड़ी मात्रा में धान अस्वीकृत हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने फोर्टिफाइड चावल की पैकिंग क्षमता 25 किलो से बढ़ाकर 50 किलो करने की मांग की है। उन्होंने सैंपल लॉट साइज को 10 एमटी से बढ़ाकर 25 एमटी करने का भी अनुरोध किया, ताकि गुणवत्ता जांच प्रक्रिया तेज और सुगम हो सके। स्टालिन ने कहा कि राज्य में खरीफ खरीद पहले ही पिछले वर्ष के कुल स्तर को छू चुकी है, ऐसे में केंद्र की समय पर हस्तक्षेप किसानों को किसी भी संकट से बचाने के लिए बेहद जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी कोयंबटूर में कृषि और विकास से जुड़े कई कार्यक्रमों की समीक्षा करने वाले हैं।
–आईएएनएस
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