एसटी हसन ने ऑपरेशन कालनेमि का किया समर्थन, बोले- 'फर्जी बाबाओं को मिलनी चाहिए सजा'


मुरादाबाद, 15 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन कालनेमि के तहत फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई का पूर्व समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद डॉ. एसटी हसन ने स्वागत किया है। इसके साथ ही पूर्व सांसद ने आईएएनएस से बातचीत में कई और मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

डॉ. एसटी हसन ने कहा कि जो लोग सनातनी वेशभूषा में भोले-भाले लोगों को ठग रहे हैं, वे साधु नहीं हैं। ऐसे लोग धंधा चला रहे हैं, जो न केवल लोगों को लूटते हैं, बल्कि इंसानों की बलि तक चढ़वाने जैसी घृणित हरकतें करते हैं। इन्हें जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए। फर्जी लोगों को कानून के तहत सजा मिलनी ही चाहिए।

कुंवर दानिश अली के कांवड़ यात्रा और नमाज को लेकर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए हसन ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान एक महीने तक सड़कें बंद रहती हैं, लेकिन ईद की नमाज के लिए एक घंटे की सड़क बंदी पर आपत्ति जताई जाती है। यह दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। कांवड़ यात्रा के लिए अलग रास्ता होना चाहिए ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

बिहार में मुकेश सैनी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों पर हसन ने गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष, खासकर मुस्लिम वोटों को रोहिंग्या या बांग्लादेशी के नाम पर काटा जा रहा है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है। बिहार में मुसलमानों की बड़ी जनसंख्या है और अगर ऐसी साजिश हो रही है, तो यह अनर्थ का कारण बन सकता है। चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली निष्पक्ष नहीं दिख रही और यह सत्तारूढ़ दल के इशारे पर काम कर रहा है।

बिहार की राजधानी पटना में बढ़ती हत्याओं पर हसन ने नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब बुजुर्ग हो चुके हैं और उन्हें कुछ पता नहीं है। बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। एनडीए सरकार पूरी तरह विफल रही है। इस साल अब तक 37 हत्याएं हो चुकी हैं। ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।

कांग्रेस नेता उदित राज के बयान का समर्थन करते हुए हसन ने कहा कि दलितों और ओबीसी को अंतरिक्ष मिशन में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं शुभांशु शुक्ला को सपा की ओर से बधाई देता हूं। उन्होंने हमारे देश का मान-सम्मान बढ़ाया है। जहां देश की बात होती है, वहां पर हम सब हिंदुस्तानी है। मैं समझता हूं दलितों को भी अंतरिक्ष के अंदर भेजा जाना चाहिए। अगर दलित और ओबीसी परीक्षा पास करते हैं, तो उन्हें अंतरिक्ष में भेजा जाना चाहिए। लेकिन मौजूदा सरकार का रवैया दलितों और ओबीसी के प्रति नकारात्मक है। जमीनी स्तर पर इन समुदायों की स्थिति चिंताजनक है।” उन्होंने छुआछूत और सामाजिक भेदभाव की पुरानी प्रथाओं की वापसी पर चिंता जताई।

एसटी हसन ने आगे कहा कि अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते हैं, तो दलितों को अंतरिक्ष में भेजने का सपना साकार हो सकता है। कांग्रेस ने ही दलितों और ओबीसी को आरक्षण दिया, जिसके कारण आज वे बराबरी की स्थिति में हैं। यह कांग्रेस की देन है।

–आईएएनएस

एकेएस/जीकेटी


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