एच-1बी वीजा पर बोले एसटी हसन, अमेरिकी राष्ट्रपति को मनोचिकित्सक की जरूरत

मुरादाबाद, 20 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा धारकों के लिए शुल्क बढ़ाने के फैसले पर शनिवार को समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को मनोचिकित्सक की मदद लेनी चाहिए।
एसटी हसन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारतीयों और हमारे देश को निशाना बना रहे हैं। वे यह भी दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी उनके करीबी दोस्त हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति को मनोचिकित्सक की मदद लेनी चाहिए। हम किसी भी नुकसान से उबर सकते हैं, लेकिन अमेरिका को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे। यह द्विध्रुवीय दृष्टिकोण दुनिया को विश्व युद्ध की ओर धकेल सकता है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अबकी बार ट्रंप सरकार के नारे भी लगाए थे। हमारी विदेश नीति बिल्कुल विफल रही है। अमेरिका से न दोस्ती अच्छी है और न ही दुश्मनी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सही कह रहे हैं कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री कमजोर हैं, मैं उनका समर्थन करता हूं। जाहिर सी बात है कि कमजोरी का सबसे बड़ा सबूत तो यह है कि एक बार भी प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप का नाम नहीं लिया कि ट्रंप ने पाकिस्तान और भारत के बीच सीजफायर नहीं करवाया है।
बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम में बड़े बदलाव करने के लिए एक घोषणा पत्र पर साइन किए हैं। इस घोषणा पत्र के अनुसार, अब प्रत्येक आवेदन के लिए प्रति वर्ष 1,00,000 डॉलर का शुल्क देना होगा। ट्रंप का कहना है कि इसका मकसद विदेशी कामगारों की बजाय अमेरिकी लोगों को नौकरी देना है।
कश्मीरी अलगाववादी यासीन मलिक ने दावा किया है कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी, जिन्होंने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद से मिलने के लिए दिए गए समय और प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया था। इस पर एसटी हसन ने कहा कि अगर एक आतंकवादी तत्कालीन प्रधानमंत्री की मदद से दूसरे आतंकवादी से मिलता है तो यह देश के हित में ही रहा होगा।
–आईएएनएस
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