कोलंबो, 7 फरवरी (आईएएनएस)। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को ऐलान किया कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में भारत के अलावा चीन, इंडोनेशिया और बांग्लादेश के साथ मुक्त व्यापार समझौते को बढ़ाने की दिशा में वर्तमान में योजनाओं पर काम चल रहा है।
संसद सत्र के दौरान सरकार का नीति वक्तव्य पेश करते हुए, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कई देशों के साथ एफटीए बनाने और आर्थिक संबंधों का एक नया नेटवर्क स्थापित करने की अपनी योजनाओं का विवरण दिया, जो कर्ज में डूबे द्वीप के उत्पादों को विदेशी बाजारों में प्रवेश में मदद कर सकता है।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा, “हम क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में शामिल होंगे। हम यूरोपीय संघ में व्यापार विविधता की सामान्य प्रणाली से जुड़ेंगे।”
उन्होंने कहा कि भारत के समर्थन से, श्रीलंका देश के पूर्वी बंदरगाह जिले त्रिंकोमाली को एक बहुआयामी क्षेत्रीय केंद्र में बदलने की योजना बना रहा है, जो पश्चिमी प्रांत में केंद्रित देश की 46 प्रतिशत अर्थव्यवस्था को देश के अन्य हिस्सों में स्थानांतरित कर देगा।”
क्षेत्रीय देशों के साथ एफटीए पर विक्रमसिंघे की घोषणा शनिवार को थाईलैंड की प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन के साथ हस्ताक्षरित प्रमुख व्यापार समझौते के बाद हुई, जो देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कोलंबो में थीं।
माल, निवेश और कस्टम प्रक्रियाओं में व्यापार को कवर करने वाले एफटीए से 2022 में श्रीलंका और थाईलैंड के बीच दोतरफा व्यापार 352 मिलियन डॉलर से बढ़कर 1.5 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि सितंबर, 2023 में श्रीलंका पर कुल कर्ज का बोझ 91 अरब डॉलर था, लेकिन, मुद्रास्फीति पिछले साल की तुलना में 50.6 प्रतिशत से घटकर 6.4 प्रतिशत होने के साथ अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2022 में शून्य पर पहुंचने वाला विदेशी रिजर्व दिसंबर, 2023 के अंत तक बढ़कर 4.4 बिलियन डॉलर हो गया है।
–आईएएनएस
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