स्पष्ट सरकारी नीति से भारत में तेजी से बढ़ रहे स्पेस स्टार्टअप्स: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)


नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा के लिए चुने गए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा कि स्पेस सेक्टर में घरेलू स्टार्टअप की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है।

लखनऊ के रहने वाले शुक्ला निजी मिशन के तहत आईएसएस पर ऑर्बिटिंग लैब की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में शुक्ला ने देश में अंतरिक्ष स्टार्टअप अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने वाली असाधारण प्रतिभा की प्रशंसा भी की।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के मेगा शो में भारत की स्पेस स्टार्टअप यात्रा की सराहना की थी।

39 वर्षीय शुक्ला को अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस के मिशन 4 (एक्स-4) के लिए पायलट के रूप में चुना गया है। यह नासा और इसरो के बीच एक सहयोगी मिशन है।

शुक्ला ने भारतीय अंतरिक्ष नीति-2023 की सराहना की और कहा कि इससे देश में अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिली है।

एक्सिओम स्पेस मई में फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान का उपयोग करके मिशन को लॉन्च करेगा।

शुक्ला ने टेक्सास के ह्यूस्टन स्थित एक्सिओम स्पेस के मुख्यालय से आईएएनएस से बातचीत में कहा, “भारत में स्टार्टअप जिस गति से बढ़ रहे हैं, वह अभूतपूर्व है।”

उन्होंने कहा कि “आने वाले वर्षों में इसमें और भी वृद्धि होगी, क्योंकि हमारे पास देश में असाधारण प्रतिभाएं हैं।”

उन्होंने बताया कि पहले के समय के मुकाबले आज देश के पास स्पेस सेक्टर के लिए एक क्लियर विजन और नीति है।

शुक्ला ने कहा, ” भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 में इस बात की स्पष्ट रूपरेखा प्रस्तुत की गई है कि भारत को भविष्य में कहां जाना है और इसमें कार्यक्रमों, उनके विस्तार और फिर संभवतः 2040 तक चंद्रमा पर उतरने की रूपरेखा भी शामिल है।”

उन्होंने आगे कहा, “स्पेस सेक्टर में टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञता की भारी मांग है, जो इस सेक्टर में स्टार्टअप्स के लिए एक जगह बनाता है।”

शुक्ला ने कहा, “मुझे लगता है हम भविष्य में इस सेक्टर में काफी तेजी से आगे बढ़ने वाले हैं।”

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रीडमैन के साथ अपने इंटरव्यू में बताया कि कैसे उनकी सरकार ने स्पेस इंडस्ट्री को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया है, जिसके कारण अत्याधुनिक स्पेस टेक्नोलॉजी में 200 से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कम लागत वाले मिशनों जैसे चंद्रयान मिशन की भी सराहना की, जिसकी लागत हॉलीवुड द्वारा एक ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाने में खर्च की गई राशि से भी कम है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कम लागत में इनोवेशन विश्व स्तर पर भारतीय प्रतिभा के लिए सम्मान पैदा करता है।

शुक्ला ने आगे कहा कि भारत हमेशा से ही अंतरिक्ष यात्रा करने वाला देश रहा है और देश को इस स्थिति तक पहुंचने में समय लगा। आज देश अंतरिक्ष मिशन के लिए जरूरी सभी पहलुओं जैसे अपनी स्वयं की टेक्नोलॉजी, लॉन्च व्हीकल, सैटेलाइट और ग्राउंड स्टेशन बना सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि कठिन मिशनों को बेहद कम लागत में पूरा करने के लिए पूरी दुनिया इसरो का सम्मान करती है।

14 दिनों तक चलने वाले एक्सिओम अंतरिक्ष मिशन के दौरान, चालक दल माइक्रोग्रेविटी में वैज्ञानिक प्रयोग, आउटरीच कार्यक्रम और कमर्शियल गतिविधियां करेगा।

–आईएएनएस

एबीएस/


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