बरेली लोकसभा सीट पर सपा ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन पर लगाया दांव

बरेली लोकसभा सीट पर सपा ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन पर लगाया दांव

बरेली: समाजवादी पार्टी (सपा) ने बरेली लोकसभा सीट पर पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन पर दांव लगाया है। उन्होंने वर्ष 2009 में भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार को करीब 11 हजार मतों से चुनाव हराया था। बीते मंगलवार को बरेली और आंवला सीट से सपा के प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए। वहीं बरेली से सपा प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन ने 12:08 बजे नामांकन कराया। नामांकन दाखिल करने से पहले बरेली से सपा प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन ने नेहरू युवा केंद्र में सभा को संबोधित किया।

19 अप्रैल तक चली नामांकन प्रकिया
बरेली में 12 अप्रैल से नामांकन शुरू हुए। नामांकन प्रक्रिया 19 अप्रैल तक चली। बरेली और आंवला दोनों लोकसभा सीटों के लिए तीसरे चरण में सात मई को मतदान होना है। बरेली सीट के रिटर्निंग ऑफिसर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार हैं। आंवला सीट के लिए रिटर्निंग ऑफिसर सीडीओ जग प्रवेश हैं। सोमवार को बरेली से भाजपा के छत्रपाल सिंह गंगवार और आंवला से धर्मेंद्र कश्यप समेत पांच लोगों ने नामांकन कराया।

जानें पूर्व सांसद का सियासी कद
बरेली लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार, और पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन टिकट के दावेदार थे। हालांकि, कई अन्य लोग भी टिकट मांग रहे थे। मगर, इस बार पूर्व सांसद टिकट में बाजी मारने में सफल साबित हुए। पूर्व मंत्री एवं नवाबगंज विधानसभा सीट से पांच बार के विधायक भगवत शरण गंगवार को सपा ने लोकसभा चुनाव 2009, और 2019 में टिकट दिया था। मगर, दोनों बार हार गए थे।

2009 में बने थे सांसद
64 वर्षीय प्रवीण सिंह ऐरन 1989 में जनता दल के टिकट पर बरेली कैंट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 1993 में सपा से विधायक बने। उनको यूपी सरकार में राज्यमंत्री विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी, और 1995 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भी रहे थे। 2009 में सांसद चुने गए थे। मगर, 2014, और 2019 लोकसभा चुनाव भाजपा सांसद संतोष गंगवार से चुनाव हार गए।

सीट पर जातिगत आंकड़े की स्थिति 
बता दें कि इस सीट पर पांच लाख मुस्लिम और करीब 2.75 लाख कुर्मी मतदाता है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में ऐरन कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे, जबकि सपा-बसपा गठबंधन से पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार एवं भाजपा से संतोष गंगवार मैदान पर थे। उस चुनाव में संतोष गंगवार की जीत हुई, भगवत दूसरे और ऐरन तीसरे स्थान पर थे।

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