दक्षिण कोरिया का नया कार्बन कटौती लक्ष्य : कंपनियों को पहले चुनौती, बाद में बड़ा लाभ मिलेगा


सियोल, 11 नवंबर (आईएएनएस)। एक्सपर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया का अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य हासिल करना इतना आसान नहीं होगा। दुनिया की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के बीच, कंपनियों को शुरुआत में काफी मुश्किलें आएंगी, लेकिन यही लक्ष्य लंबे समय में बहुत बड़ा मौका भी देगा।

इससे दक्षिण कोरिया पूरी तरह हरित ऊर्जा और पर्यावरण-अनुकूल व्यवसाय की ओर बढ़ सकेगा, जिससे आगे चलकर कंपनियों को बहुत फायदा होगा।

सोमवार को, कार्बन तटस्थता और हरित विकास पर राष्ट्रपति आयोग ने कहा कि उसने 2035 तक दक्षिण कोरिया के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 2018 के स्तर से 53-61 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्य को मंजूरी दे दी है।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्य का आधिकारिक तौर पर ब्राजील के बेलेम में 30वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी30) में अनावरण किया जाएगा। यह सोमवार से शुरू होकर 21 नवंबर तक चलेगा।

व्यापार समुदाय को डर है कि कार्बन कटौती योजना ऑटोमोबाइल, स्टील, पेट्रोकेमिकल और सीमेंट सहित प्रमुख उद्योगों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है, क्योंकि उन्हें कार्बन कटौती सुविधाओं के निर्माण और उत्सर्जन क्रेडिट खरीदने में अधिक वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ेगा।

14 बिजनेस लॉबियों के एक ग्रुप ने एक संयुक्त बयान में कहा, “वैश्विक आर्थिक परिवेश में बदलावों, जिनमें अमेरिकी टैरिफ नीतियां भी शामिल हैं, के साथ तालमेल बिठाना एक जरूरी मुद्दा बन गया है। लेकिन 2035 तक 53 से 61 प्रतिशत तक उत्सर्जन में कमी का लक्ष्य निर्धारित करना कंपनियों के लिए एक बड़ा बोझ होगा।”

कई बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन ने कहा कि उत्सर्जन में कमी लाने वाली संबंधित तकनीकों का अभी तक पूरी तरह से व्यावसायीकरण नहीं हुआ है। साथ ही सरकार से कंपनियों के लिए अतिरिक्त सहायता उपाय शुरू करने का आग्रह किया, जैसे कि बिजली की दरें न बढ़ाना।

एक्सपर्ट ने भी इसी विचार को दोहराया और कहा कि उद्योगों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, नई उत्सर्जन नीति के कार्यान्वयन से कंपनियां अपनी उत्पादन लाइनें विदेशों में स्थानांतरित कर सकती हैं या अपना परिचालन बंद भी कर सकती हैं।

सोल राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एनर्जी पॉलिसी के प्रोफेसर यू सेउंग-हून ने कहा कि एनडीसी लक्ष्य निश्चित रूप से उद्योगों के लिए एक बड़ा झटका होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस घोषणा के बाद व्यावसायिक अधिकारियों में ‘घबराहट’ की भावना पैदा हुई होगी।

दक्षिण कोरियाई उद्योगों पर एनडीसी लक्ष्य के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, यू ने योनहाप समाचार एजेंसी को बताया, “स्थानीय व्यवसायों के पास घरेलू उत्पादन कम करने या अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को विदेशों में स्थानांतरित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।”

एनर्जी के प्रोफेसर ने कहा, “उदाहरण के लिए, स्टील इंडस्ट्री को लक्ष्य पूरा करने के लिए उत्पादन प्रक्रिया के दौरान हाइड्रोजन का उपयोग करना होगा, लेकिन इसकी लागत अधिक होगी और गैस की उपलब्धता एक चुनौती बनी रहेगी।”

–आईएएनएस

एससीएच/एएस


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