दक्षिण कोरिया चिकित्सा सुरक्षा बढ़ाने और इलाज के दौरान होने वाली गलतियों को कम करने के लिए उठाएगा कदम


सियोल, 6 मार्च (आईएएनएस)। दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि सरकार चिकित्सा सुरक्षा को बढ़ाने और इलाज के दौरान होने वाली गलतियों को कम करने के लिए कदम उठाएगी। इसमें सरकार की तरफ से ज्यादा मुआवजा देने की जिम्मेदारी भी शामिल है।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, संसदीय नीति मंच में एक योजना पेश की गई है। इसके अनुसार, जरूरी इलाज के दौरान अगर किसी की मौत हो जाती है, तो ‘इच्छा के विरुद्ध कोई सजा नहीं’ का नियम लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इलाज के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं के लिए बीमा कवरेज भी बढ़ाया जाएगा।

योजना के तहत, सरकार सोच रही है कि अगर जरूरी इलाज के दौरान किसी मरीज की मौत हो जाती है, और परिवार वाले सहमत हैं, तो इलाज करने वाले डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। इससे मेडिकल स्टाफ पर काम का बोझ कम होगा।

सरकार एक नई समिति बनाएगी जो अस्पतालों में होने वाली दुर्घटनाओं की जांच करेगी। यह समिति 150 दिनों के अंदर यह तय करेगी कि डॉक्टरों से कोई गलती हुई है या नहीं। अब, ऐसे मामलों में, पुलिस यह नहीं देखेगी कि कितना नुकसान हुआ, बल्कि यह देखेगी कि डॉक्टरों ने अपनी ड्यूटी ठीक से की या नहीं।

इस योजना में चिकित्सा संस्थानों के लिए चिकित्सा दुर्घटनाओं के विरुद्ध बीमा खरीदना अनिवार्य करना भी शामिल है, जबकि बीमा शुल्क का एक हिस्सा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, सरकार विभिन्न चिकित्सा सेवाओं, जैसे आपातकालीन चिकित्सा उपचार और शिशुओं के लिए गहन देखभाल के लिए राज्य सब्सिडी बढ़ाने की समीक्षा करेगी।

इस बीच, प्रशिक्षु डॉक्टरों के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद के बीच, मामले से परिचित सूत्रों के अनुसार, दक्षिण कोरियाई सरकार ने अगले साल के लिए मेडिकल स्कूल में प्रवेश में विवादास्पद वृद्धि को खत्म करने की संभावना जताई है।

सरकारी अधिकारियों और चिकित्सा सूत्रों के अनुसार, शिक्षा मंत्री ली जु-हो ने पिछले महीने मेडिकल स्कूलों के डीन के साथ बैठक की थी और कहा था कि यदि वर्तमान में छुट्टी पर गए मेडिकल छात्र मार्च सेमेस्टर के लिए वापस लौटते हैं, तो वे 2026 के लिए 3,058 का वार्षिक प्रवेश कोटा निर्धारित करने पर विचार कर सकते हैं, जो इस वर्ष से 2,000 कम है।

एक वर्ष से अधिक समय से सरकार और प्रशिक्षु डॉक्टरों के बीच विवाद चल रहा है, क्योंकि सरकार ने इस वर्ष से मेडिकल स्कूलों में प्रवेश की संख्या में 2,000 की वृद्धि कर दी है।

हालांकि, बैठक के दौरान कोई ठोस समझौता नहीं हो सका।

–आईएएनएस

एकेएस/एएस


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