जिहादियों की पैरवी कैसे की जाती है, यह कोई मौलाना मदनी से सीखे : वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल


नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच जारी है। इस बीच जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भारत में मुसलमानों से भेदभाव का आरोप लगाया, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हैं। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने रविवार को इस पर पलटवार किया।

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने वीडियो जारी करके कहा, “इस्लामिक जिहादियों और अतिवादियों की पैरवी कैसे की जाती है, यह कोई मौलाना मदनी से सीखे। वे लोग आतंकवादियों को बचाने, उनके अड्डों की रक्षा करने और भारत में हिंसा, अत्याचार एवं इस्लाम के नाम पर आतंकवाद फैलाने वालों को कवर देने का काम कर रहे हैं। इतने बुजुर्ग और कद्दावर मुस्लिम नेता जो बयान दे रहे हैं, इससे पता चलता है कि आतंकवाद का कोई धर्म तो नहीं होता, लेकिन मजहब जरूर होता है।”

उन्होंने कहा, “मौलाना साहब को लंदन और न्यूयॉर्क के मेयर तो नजर आ गए, लेकिन भारत के कई राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सीजेआई, मुख्य चुनाव आयुक्त जैसे अनेक भारत के शीर्ष संवैधानिक पदों पर बैठे हुए मुस्लिम नजर नहीं आए। उन्हें वो भी नजर नहीं आए, जिन्होंने भारत को मिसाइलें दीं और देश के लिए मिसाल बने।”

वीएचपी प्रवक्ता ने कहा, “मौलाना को सिर्फ याद है तो वो अलफलाह यूनिवर्सिटी, जिसका वाइस चांसलर जो आज जेल में है, या फिर उत्तर प्रदेश की कैबिनेट में बैठे रहे आजम खान, जिन पर अभी कई केस चल रहे हैं। बहुत से जघन्य अपराधों में लिप्त वो मुस्लिम नेता याद हैं, जिनके लिए वे आंसू बहा रहे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए। जब लाल किले के सामने डॉ. उमर धर्म के नाम पर लोगों को मारने के लिए अपने आप को उड़ा देता है, तब उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता। जब आतंकी से जुड़े तार को खोला जाता है और अलफलाह पर आरोप लगाकर वीसी को अंदर किया जाता है, तो यह बिलबिला जाते हैं।”

विनोद बंसल ने कहा, “मौलाना को कुछ तो शर्म करनी चाहिए। कम से कम जिस थाली में खाते हैं, उसमें छेद करना तो बंद करें। उनके ये बयान बल्कि इस्लाम के लिए भी बहुत घातक हो सकते हैं, क्योंकि अगर अतिवादियों, आतंकवादियों और अमानवीय कुकृत्य करने वाले जिहादियों को बचाओगे तो इसके परिणाम बहुत घातक होंगे।”

–आईएएनएस

एससीएच/एएस


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