हुनर काटेगा घाटी में आतंक के हाथ, पत्थर उठाते रहे युवाओं के हाथ में रोजगार का कौशल

हुनर काटेगा घाटी में आतंक के हाथ, पत्थर उठाते रहे युवाओं के हाथ में रोजगार का कौशल

दशकों तक जिन युवाओं को अलगाववादी और आतंकी संगठन पत्थर और हथियार थमाते रहे, उन्हीं हाथों को हुनर-कौशल से सजाने पर सरकार ने पूरा जोर दिया। कभी आतंक के साये में सिसकती रही घाटी में नई पीढ़ी कैसे रोजगार और स्वरोजगार की इच्छा लिए बदलाव की ओर तेज कदम बढ़ा रही है, उसे यह आंकड़े पुष्ट करते हैं।

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं में अब तक जम्मू-कश्मीर के 3.36 लाख युवा प्रशिक्षण ले चुके हैं। इनमें जिन 2.77 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र भी प्राप्त कर लिया, उनमें से 53890 युवा प्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जुड़ गए, जबकि बाकी में से अधिकांश ने स्वरोजगार की राह पकड़ ली है।

स्वरोजगार बढ़ाने के प्रयास

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए मोदी सरकार वहां कई कदम उठा चुकी है। वहां से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद औद्योगिकीकरण पर जोर लगाते हुए रोजगार-स्वरोजगार बढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं तो समानांतर रूप से वहां युवाओं के कौशल विकास के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय भी मिशन जारी रखे है।

इन्हीं बदलावों का संबल लिए भाजपा अब वहां इसी वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस रही है तो उसके उत्साह के पीछे मोदी सरकार की उपलब्धियों के आंकड़े भी हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2015 में शुरू की गई, जिसके तहत अब तक देशभर में 1.41 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसमें जम्मू-कश्मीर के उन युवाओं की भी हिस्सेदारी है, जिन पर भटकाव का ठप्पा लगा रहा है।

50,000 से अधिक को मिला रोजगार

इस योजना के तीन चरण वर्ष 2023 तक चले और चौथा चरण लोकसभा चुनाव के ऐन पहले शुरू हुआ। चारों चरणों में मिलाकर जम्मू-कश्मीर के 3,75,567 युवाओं ने पंजीकरण कराया। 3,36,331 युवाओं ने प्रशिक्षण लिया। 3,01,826 युवा असेसमेंट में शामिल हुए और 2,77,272 अभ्यर्थियों ने कौशल प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र प्राप्त किया। मंत्रालय के स्किल इंडिया पोर्टल पर रोजगार मिलने की जानकारी 53,890 युवाओं ने दी।

मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश युवा पोर्टल पर रोजगार मिलने की जानकारी साझा करना जरूरी नहीं समझते। इसके अलावा इस पोर्टल पर स्वरोजगार शुरू करने वालों का भी डेटा नहीं है। परंतु योजना की सफलता का आकलन इस ट्रेंड से किया जा सकता है कि हाल ही में शुरू हुए योजना के चौथे चरण के तहत ही अभी तक स्किल इंडिया सेंटरों पर 46,693 युवा पंजीकरण करा चुके हैं।

आत्मनिर्भर बन रही युवतियां

सरकार का आंकड़ा कहता है कि प्रशिक्षण लेने वाले कुल 3.36 लाख अभ्यर्थियों में 1.70 लाख यानी 51 प्रतिशत युवतियां हैं। यूं तो युवाओं की अधिक रुचि तीन से छह माह वाले शार्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्स में है, क्योंकि इसमें कम समय के बावजूद प्लेसमेंट का आंकड़ा बेहतर साबित हुआ है। शार्ट टर्म ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र लेने वाले 1,24,971 अभ्यर्थियों में से 51,695 ने स्किल इंडिया पोर्टल पर रोजगार मिलने की जानकारी साझा की है। वहीं, युवतियां आनलाइन ट्रेनिंग का मॉड्यूल ज्यादा अपना रही हैं।

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