पश्चिम बंगाल में एसआईआर, दो दिनों में 1.10 करोड़ गणना फॉर्म वितरित


कोलकाता, 5 नवंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में मंगलवार से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण में व्यापक जनभागीदारी देखने को मिली। इस प्रक्रिया के पहले चरण के पहले दो दिनों में प्रदेश में मतदाताओं को 1.10 करोड़ गणना फॉर्म वितरित किए गए हैं। चुनाव आयोग (ईसीआई) ने त्रि-स्तरीय विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया की शुरुआत की है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार सुबह से ही बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर गणना फॉर्म बांटने में जुट गए थे और बुधवार रात 8 बजे तक यह संख्या 1.10 करोड़ के पार पहुंच गई। अधिकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में एसआईआर से संबंधित सभी गतिविधियां सुचारू रूप से और निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रही हैं।

चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर 2025 तक राज्य की मतदाता सूची में शामिल 7,66,37,529 मतदाताओं के लिए एसआईआर की प्रक्रिया शुरू की है। जिन मतदाताओं के नाम पहले से ही 2002 की अंतिम गहन पुनरीक्षित सूची में शामिल हैं, उन्हें केवल गणना प्रपत्र भरकर जमा करना होगा। इन मतदाताओं को नाम बनाए रखने के लिए कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं है।

वहीं, जिन मतदाताओं के या उनके माता-पिता के नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें नाम दर्ज कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा निर्दिष्ट 11 दस्तावेजों में से किसी एक की प्रति जमा करनी होगी। इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश के बाद आधार कार्ड को भी 12वें दस्तावेज के रूप में सूची में जोड़ा गया है। हालांकि, आयोग ने स्पष्ट किया है कि केवल आधार कार्ड पर्याप्त नहीं होगा। मतदाता को आयोग द्वारा तय किए गए अन्य 11 दस्तावेजों में से एक और दस्तावेज भी प्रस्तुत करना होगा।

आयोग के सूत्रों के अनुसार, एसआईआर प्रक्रिया मार्च 2026 तक पूरी हो जाएगी। इस प्रक्रिया को पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को सटीक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

–आईएएनएस

एएसएच/डीकेपी


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