रांची, 6 जनवरी (आईएएनएस)। इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर होने वाले परेड में झारखंड की ‘रेशमी’ कहानी पर आधारित झांकी भी दिखेगी। झारखंड के दुमका में विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाले सिल्क के उत्पादन की प्रक्रिया को प्रदर्शित करने वाली झांकी के प्रारूप को केंद्र की मंजूरी मिल गई है।
गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले परेड के लिए झारखंड समेत 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों का चयन किया गया है। झारखंड सरकार के जनसंपर्क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि झांकी को लेकर आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। आगामी 19 जनवरी तक इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। 23 जनवरी को फुल ड्रेस रिहर्सल का कार्यक्रम निर्धारित है।
दरअसल, रेशम उत्पादन में पूरे देश में झारखंड की बड़ी हिस्सेदारी रही है। खास तौर पर देश में कुल तसर सिल्क उत्पादन में 76.4 फीसदी हिस्सा झारखंड का है। दुमका में उत्पादित मयूराक्षी ब्रांड के तसर की चमक देश-विदेश में पहुंच रही है। इसे भारत के भविष्य का ‘रेशम शहर’ (सिल्क सिटी) माना जा रहा है।
दुमका के सभी 10 ब्लॉकों में रेशम निर्माण के लिए कोकून का उत्पादन होता है। काठीकुंड, गोपीकांदर, शिकारीपाड़ा, रानीश्वर, मसलिया और सरैयाहाट प्रखंड में गांव-गांव में रेशम के लिए कोकून उत्पादन की इकाइयां चल रही हैं।
तसर सिल्क की खेती, उत्पादन और कारोबार में पूरे देश में 3.5 लाख लोग जुड़े हैं। इनमें से 2.2 लाख लोग अकेले झारखंड के हैं। यहां का तसर सिल्क देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा लगभग 10 देशों में पहुंचता है।
वर्ष 2022-23 में राज्य में 872 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन किया गया था। जबकि, चालू वित्तीय वर्ष में 2,250 मीट्रिक टन रेशम उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है।
–आईएएनएस
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