राजस्थान में अनार की फसलों पर टिकड़ी रोग का प्रकोप, शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल जांच के दिए निर्देश


नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। राजस्थान के बालोतरा जिले और आसपास के अनार बाहुल्य क्षेत्रों में टिकड़ी रोग सहित विभिन्न रोगों से फसलों के प्रभावित होने की खबरों और किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं।

अनार राजस्थान के शुष्क क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है, पर रोगों के बढ़ते प्रकोप ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि वैज्ञानिकों की एक विशेष टीम तुरंत प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का आकलन करे। यह टीम अनार की फसलों में फैल रहे टिकड़ी रोग और अन्य बीमारियों के कारणों का गहन अध्ययन करेगी। साथ ही, वर्तमान में अपनाए जा रहे रोग प्रबंधन उपायों और किसानों द्वारा उपयोग की जा रही बागवानी तकनीकों का भी मूल्यांकन किया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आईसीएआर के वैज्ञानिकों की जांच रिपोर्ट के आधार पर एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इस कार्ययोजना में पौधों की वैज्ञानिक छंटाई, रोग प्रबंधन के लिए प्रभावी उपाय, उर्वरकों और कीटनाशकों का समुचित उपयोग, और आधुनिक बागवानी तकनीकों को बढ़ावा देना शामिल होगा।

उनका कहना है कि यह योजना न केवल रोगों को नियंत्रित करने में मदद करेगी, बल्कि अनार की गुणवत्ता को निर्यात स्तर तक ले जाने में भी सहायक होगी।

किसानों को राहत प्रदान करने के लिए केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान (बीकानेर), राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केंद्र (एनआरसी, सोलापुर), केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी, जोधपुर) और संबंधित कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों की एक संयुक्त टीम गठित की जाएगी। यह टीम प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को रोग प्रबंधन, उन्नत खेती तकनीकों और निर्यात गुणवत्ता वाले अनार उत्पादन के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी।

शिवराज सिंह ने जोर देकर कहा कि अनार की फसलों पर रोगों का प्रकोप सामूहिक प्रयासों से ही नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के कृषि व बागवानी विभाग, अनुसंधान संस्थान और कृषि विज्ञान केंद्र मिलकर काम करेंगे। उनका लक्ष्य है कि किसानों की समस्याओं का समुचित समाधान हो, उनकी फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार हो और उनकी आय में वृद्धि हो।

इस पहल से न केवल बालोतरा और आसपास के क्षेत्रों के अनार उत्पादक किसानों को लाभ होगा, बल्कि राजस्थान के शुष्क क्षेत्रों में बागवानी को और अधिक सशक्त और टिकाऊ बनाया जा सकेगा।

–आईएएनएस

एकेएस/डीएससी


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