बांग्लादेश: सैन्य अधिकारियों पर केस दर्ज होने से भड़कीं शेख हसीना, बिना शर्त रिहा करने की मांग


ढाका, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा सेना अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की कड़ी निंदा की है।

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीटी ने बुधवार को अवामी लीग सरकार के कार्यकाल के दौरान लोगों को गायब किए जाने, हत्याओं और मानवता के विरुद्ध अन्य अपराधों के तीन अलग-अलग मामलों में 15 सैन्य अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया है।

इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “बांग्लादेश एक अजीब और अकल्पनीय घटना का गवाह बना है। जिस आईसीटी ने कभी हमारे महान मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार युद्ध अपराधियों पर मुकदमा चलाया था, अब उसका इस्तेमाल हमारे सशस्त्र बलों के देशभक्त सदस्यों, राष्ट्र की स्वतंत्रता और संप्रभुता के सजग प्रहरी पर मुकदमा चलाने के लिए किया जा रहा है।”

यह बयान बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी के सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया गया। शेख हसीना ने जोर देकर कहा कि “अवैध” आईसीटी और उसके सभी “हास्यास्पद” मुकदमों को रोका जाना चाहिए और राजनीतिक कैदियों को बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए।

यूनुस शासन की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, “हत्यारे और फासीवादी यूनुस के नाजायज, सत्ता-लोलुप और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले शासन में बांग्लादेश में कानून का कोई राज नहीं है, सिर्फ जंगल राज है। पूरा देश आतंकवादियों और चरमपंथियों की शरणस्थली बन गया है।”

पूर्व पीएम हसीना ने कहा कि पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुए छात्र आंदोलन की आड़ में एक सुनियोजित साजिश के तहत, छात्रों, नागरिकों, पुलिस अधिकारियों, अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं, अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों, पत्रकारों, वकीलों और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

उन्होंने कहा कि अपराधी चरमपंथी और आतंकवादी थे जिन्हें सजा से छूट दे दी गई, जबकि अब हत्यारों और सरकारी संपत्ति को नष्ट करने वालों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती और पीड़ित कभी न्याय की गुहार नहीं लगा पाएंगे।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “सशस्त्र बलों और पुलिस के उन कर्मचारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं जो भीषण आगजनी, व्यापक विनाश और हत्याओं के दौरान जान-माल की रक्षा के लिए तैनात थे। उन्हें अपहरण और हत्या के झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।”

उन्होंने कहा, “यह अवैध, हत्यारे, फासीवादी यूनुस गुट के आतंकवाद और उग्रवाद के पक्ष में अत्यधिक पूर्वाग्रह का स्पष्ट प्रदर्शन है। यह राज्य प्रायोजित आतंकवाद और उग्रवाद की एक घिनौनी मिसाल कायम करता है।”

उभरते हुए राक्षसी कृत्य को रोकने पर जोर देते हुए शेख हसीना ने बांग्लादेश के लोगों से एक ‘मानवीय राष्ट्र’ के पुनर्निर्माण के लिए एकजुट होने और लड़ने का आह्वान किया।

–आईएएनएस

केके/वीसी


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