कंबोडिया में अभी तक तक एच5एन1 बर्ड फ्लू का सातवां मामला दर्ज

नोम पेन्ह, 24 जून (आईएएनएस)। कंबोडिया में 2025 तक एच5एन1 बर्ड फ्लू का सातवां मामला दर्ज किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उत्तर-पश्चिमी कंबोडिया के सिएम रीप प्रांत की एक 41 वर्षीय महिला में एच5एन1 बर्ड फ्लू (इंसानों में होने वाला एवियन इन्फ्लूएंजा) की पुष्टि हुई है, जिससे इस वर्ष अब तक मामलों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।
सोमवार रात को जारी बयान में कहा गया, “नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रयोगशाला परिणाम से 23 जून को पता चला कि महिला एच5एन1 वायरस के लिए पॉजिटिव थी।”
बयान के मुताबिक, “मरीज को बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ के लक्षण हैं और फिलहाल उसकी हालत गंभीर है।”
जांच के अनुसार, मरीज के घर और उसके पड़ोसियों के घर पर बीमार और मृत मुर्गियां थीं। महिला बीमार होने से पांच दिन पहले बीमार और मरी हुई मुर्गियों के संपर्क में आई थी और उन्हें खाने के लिए पकाया भी था। स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमण के स्रोत की जांच कर रहे हैं और समुदाय में प्रकोप को रोकने के लिए पीड़ित के संपर्क में आए किसी भी संदिग्ध मामले या लोगों की जांच कर रहे हैं।
बयान में कहा गया है कि बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए एंटीवायरल दवा टैमीफ्लू (ओसेल्टामिविर) भी उन लोगों को दी गई, जिनका मरीज के साथ सीधा संपर्क था। इस साल अब तक राज्य में एच5एन1 बर्ड फ्लू के कुल सात मानव मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से पांच की मौत हो गई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय के अनुसार, 2003 से अब तक, एच5एन1 इन्फ्लूएंजा से मानव संक्रमण के 79 मामले सामने आए हैं, जिनमें दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में 48 मौतें शामिल हैं।
बर्ड फ्लू बहुत कम संक्रामक (व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता है) होता है, लेकिन मनुष्यों के बीच फैलने के कुछ मामले सामने आए हैं। अब तक के लगभग सभी मामलों में, मानव बर्ड फ्लू संक्रमण संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से हुआ है। लेकिन जब भी कोई मनुष्य संक्रमित होता है, तो यह संभव है कि वायरस आसानी से दूसरे मनुष्यों में फैल जाए।
मनुष्य को बर्ड फ्लू संक्रमित जानवर के शरीर के तरल पदार्थ, जैसे थूक (लार), दूध, छींक या मल के संपर्क में आने से होता है। यह जानवरों के रहने की जगह में धूल के छोटे कणों से सांस लेने पर या शरीर के तरल पदार्थों को छूने के बाद आपकी आंखों, नाक या मुंह में जा सकता है।
–आईएएनएस
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