यूपी के आजमगढ़ में साइबर ठगी करने वाले सात लोग गिरफ्तार

आजमगढ़, 22 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की साइबर पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा करते हुए सात ठगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) हेमराज मीणा ने बताया कि जनपद बनारस में छापेमारी के दौरान तकरीबन सात लोग मिले हैं।
शुभम जायसवाल थाना जमालपुर, मिर्जापुर, धनजीत यादव जौनपुर, अजय यादव बनारस, अभय राय चंदौली, अभिनाश राय पश्चिम बंगाल, पीयूष यादव जौनपुर के रहने वाले हैं। इनके पास से करीब 15 लाख का सामान, जिसमें 51 मोबाइल फोन, चार लैपटॉप, 42 एटीएम कार्ड, 13 पासबुक, करीब 80 सिमकार्ड और एक फाइबर का राउटर मिला है।
एसपी ने बताया कि यह पांडेपुर के एक किराए के मकान से एक कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। इनके सारे अकाउंट की जानकारी की गई तो पता चला कि इन लोगों ने 208 अकाउंट खुलवा रखे थे। उनमें पिछले छह माह में 95 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ है। इनके सभी अकाउंट को सीज कराया गया है। एक करोड़ की धनराशि फ्रीज कर दी गई है। ये लोग काफी दिन से काम कर रहे थे। पहले ये आजमगढ़ में थे। यहां जब छापा पड़ा तो इनके बाकी मेंबर बनारस से शिफ्ट कर लिए गए थे। वहां पर ऑनलाइन गेम क्रिकेट बज के नाम से संचालित कर रहे थे, जिसमें सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम के जरिए लोगों को गेम खिलवाते थे।
उन्होंने बताया कि ये लोगों को पैसा जितवाने और तीन गुना करने के नाम से लालच देते थे। जब लोग बड़ा अमाउंट लगाते थे, ये लोग अलग खातों या फिर किसी कंपनी के नाम से ट्रांसफर कर देते थे या फिर एटीएम के माध्यम से विड्रॉल कर लेते थे। यह गैंग संगठित ढंग से काम कर रहे थे। इसमें कुल सात लोग पकड़े गए हैं। 20 हजार नकद मिला है। बाकी चीजों पर भी काम चल रहा है। पहले ये आजमगढ़ में पकड़े गए थे। इनके साथी आज पकड़े गए हैं। ये लोग सोशल मीडिया के माध्यम से मोटिवेट करके लोगों का पैसा ठगने का काम कर रहे हैं। साइबर टीम ने कार्रवाई की पूरी टीम को 25 हजार का पुरस्कार भी दिया गया है। पहले 11 लोग पकड़े गए थे। अभी सात लोग पकड़े गए हैं।
उन्होंने बताया कि इनके मास्टरमाइंड, जो ऑर्गनाइज कर रहे हैं, उनकी बैंक डिटेल्स और मोबाइल से हुई बातचीत के जरिए जानकारी जुटाई जा रही है। अभी जो लोग मिले हैं, ये लोग अकाउंट मेंटेन करने का काम करते थे। अभी इनके मास्टरमाइंड को पकड़ना बाकी है। ये लोग भी अपने ऊपर वालों को नहीं जानते हैं। हमारी टीम उनकी तलाश में है। जो पकड़े गए हैं, वे फर्जी कंपनी पंजीकृत करवाए हुए थे। एटीएम से विड्रोल करके शॉपिंग की गई है। इन्होंने जो नंबर प्रयोग किए उनमें एक श्रीलंका का है। इंटरनेट कॉल के माध्यम से लोगों को मोटिवेट कर रहे हैं। बचे लोगों की गिरफ्तारी शीघ्र होगी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ये लोग दूसरों को अपनी कंपनी में काम करने के नाम पर प्रचार करते थे। ये आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक पर चैनल्स तथा विज्ञापन के माध्यम से लोगों को फंसाने का काम करते थे। ये लोग फेक अकाउंट और अन्य चीजों के लिए काम कर रहे थे। जो पैसा आता था, उसे गेमिंग के जरिए खातों में ट्रांसफर करना और कैश विड्रॉल करना इनका काम था। ये लोग इंटरनेट कॉल से ज्यादा काम कर रहे हैं। जल्द इनके मुख्य सरगना को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
–आईएएनएस
विकेटी/एएसी